हेलोंगजियांग में हेझे समुदाय की ‘इमाकान’ संस्कृति के आदान-प्रदान एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन

चित्र शिंगहवा एजेंसी से है
18 दिसंबर को “हेझे लोक-रंग, साथ मिलकर निहारें” शीर्षक से हेझे जाति की “इमाकान” संस्कृति के आदान-प्रदान एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन हेलोंगजियांग प्रांत के तोंगजियांग शहर में किया गया। कार्यक्रम में स्थल पर प्रस्तुतियों सहित विभिन्न रूपों के माध्यम से “इमाकान” संरक्षण योजना के व्यावहारिक उपलब्धियों को समेकित रूप से प्रदर्शित किया गया।
हेझे जाति की “इमाकान” परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही मौखिक कथात्मक कला है, जिसका मूल स्वर नायकों के सम्मान, न्याय, साहस और सद्भाव के प्रसार, स्वतंत्रता और आदर्शों की खोज तथा मानव और प्रकृति के सामंजस्य के भाव पर आधारित है। यह न केवल हेझे समुदाय की सामूहिक स्मृति और सांस्कृतिक प्रतीक है, बल्कि स्वयं इस जाति द्वारा अपनी “मौखिक विश्वकोश” के रूप में भी माना जाता है।
11 दिसंबर को भारत में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु अंतर-सरकारी समिति के 20वें नियमित सत्र में चीन द्वारा नामित “हेझे जाति की इमाकान” परंपरा ने समीक्षा पारित की। इसे तात्कालिक संरक्षण की आवश्यकता वाली अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची से हटाकर मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त, “‘हेझे जाति की इमाकान’ संरक्षण योजना” को उत्कृष्ट संरक्षण प्रथाओं की सूची में दर्ज किया गया।