चीनी प्रतिनिधि ने युद्धोत्तर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा का आह्वान किया
संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई प्रतिनिधि फू त्सांग ने 15 दिसंबर को सुरक्षा परिषद की “शांति के लिए नेतृत्वकारी शक्ति दिखाना” शीर्षक वाली खुली बैठक में भाषण दिया और दूसरे विश्व युद्ध की विजय से प्राप्त उपलब्धियों की सुरक्षा करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि पिछली सदी में हुए दो विश्व युद्धों ने विश्व के सभी देशों की जनता को गहरी पीड़ा और भारी विनाश झेलने पर मजबूर किया। उन्हीं दुखद अनुभवों से प्रेरित होकर संयुक्त राष्ट्र की स्थापना शांति की आकांक्षा के साथ की गई थी, जिसने मानवता की शांति और विकास यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा।
फू त्सांग ने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य परिवर्तन और अस्थिरता से भरा हुआ है, ऐसे में वैश्विक समुदाय को चार प्रमुख दिशाओं पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है। पहला, न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों पर कायम रहकर स्थायी शांति की मजबूत नींव रखी जाए। दूसरा, राजनीतिक समाधान के मार्ग का अनुसरण करते हुए विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के उपाय खोजे जाएँ। तीसरा, विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर युद्ध और संघर्ष के मूल कारणों को समाप्त किया जाए। और चौथा, बहुपक्षवाद की भावना पर दृढ़ रहते हुए शांति की रक्षा के लिए सामूहिक अंतरराष्ट्रीय शक्ति को सशक्त बनाया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि चीन विभिन्न देशों के साथ मिलकर “चार वैश्विक पहलों”—वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल, वैश्विक सभ्यता पहल और वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता पहल के मार्गदर्शन में मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चीन विश्व शांति और विकास के कार्य में सक्रिय और सकारात्मक योगदान देता रहेगा।