चीन ने सभी शांतिप्रिय देशों से सतर्क रहते हुए जापानी सैन्यवाद को पुनर्जीवित करने के किसी भी खतरनाक प्रयास को रोकने का आह्वान किया
10 दिसंबर को चीन की राजधानी पेइचिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने जापान का "पुनः सैन्यीकरण" बढ़ने के बारे में चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता के प्रश्नोत्तर में कहा कि जापान की तीव्र सैन्य शक्ति वृद्धि और "पुनः सैन्यीकरण" से केवल जापान के भविष्य को लेकर उठने वाले सवालों को एक बार फिर से बल मिलेगा, इसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा जापान के ऐतिहासिक अपराधों के लिए "पुनः जवाबदेही" तय की गई होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि हाल के वर्षों में, जापान ने अपनी सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, अपने "शांति संविधान" के संशोधन में तेजी लाई है, "केवल रक्षात्मक रक्षा" के सिद्धांत से लगातार विचलन किया है, सामूहिक आत्मरक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाया है, हथियारों के निर्यात में ढील दी है, "तीन परमाणु-रहित सिद्धांतों" को संशोधित करने का प्रयास किया है और तथाकथित "शत्रु ठिकानों पर आक्रमण करने की क्षमता" विकसित की है। जापान के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने तो यहां तक कह दिया है कि वे परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती से इनकार नहीं करते हैं। इन कार्रवाइयों ने पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच कड़ी सतर्कता पैदा कर दी है।
क्वो च्याखुन ने यह भी कहा कि जापान का रक्षा खर्च लगातार 13 वर्षों से बढ़ रहा है, जिससे वह पश्चिमी देशों में दूसरे स्थान पर है। चीन ने सभी शांतिप्रिय देशों से सतर्क रहते हुए जापानी सैन्यवाद को पुनर्जीवित करने के किसी भी खतरनाक प्रयास को रोकने तथा द्वितीय विश्व युद्ध में प्राप्त विजय की उपलब्धियों की संयुक्त रूप से रक्षा करने का आह्वान किया।