शीतकालीन वन में मौन नहीं, रंग अब भी जीवंत

शीतकालीन वन में मौन नहीं, रंग अब भी जीवंत

सर्दियों की धरती पर जीवन की रंगीन झलकें अभी भी खिल रही हैं, और हर दृश्य रंगों और मौन के नाजुक बुनाई से धीरे-धीरे सामने आता है।