विदेशी पर्यटक: चीन में फ़ोटोशूट के दौरान विदेशी पर्यटक रम गए मनोहर नजारों में

वियतनाम से आई पर्यटक न्गुएन क्यूंग झी ने लुओयांग में प्राचीन शैली की पोशाक में फोटो शूट कराया। (शिन्हुआ समाचार एजेंसी)
आजकल अधिक से अधिक विदेशी पर्यटक पारंपरिक पहनावे और पोशाकों के माध्यम से चीन की संस्कृति से रू-बरू हो रहे हैं।
पेइचिंग में, कई विदेशी पर्यटक फ़ॉरबिडन सिटी की लाल दीवारों के पास बने स्टूडियो में बैठकर, मेकअप आर्टिस्ट से ख़ूबसूरत “चीतौ” (मंचू शैली का पारंपरिक पोशाक) लगवाते हैं और एक बार “राजकुमारी” बनने का अनुभव लेते हैं। लिजियांग शहर में नाशी समुदाय की “सात-तारा ओढ़नी” प्राचीन नगर की पत्थर की गलियों पर चमकती है, तो गहरी जनजातीय महक हवा में घुल जाती है … इस तरह के अनेक “चित्र समान” क्षण कैमरे में कैद होकर, चीन की पारंपरिक वेशभूषा संस्कृति को जीवंत और स्पर्शनीय बना देते हैं।
पारंपरिक पोशाक और विभिन्न समुदाय के परिधान में केवल वस्त्र ही नहीं होते, बल्कि शिष्टाचार, शिल्पकला, दर्शन और सौंदर्यशास्त्र भी समाए होते हैं। जब विदेशी पर्यटक हल्के से अपनी आस्तीन सँवारते हैं, हाथ में पंखा थामकर पीछे मुड़कर देखते हैं, और फ़ोटोग्राफ़र के निर्देश पर “चीनी अंदाज़” की मुद्राएँ बनाते हैं—तब वे वास्तव में एक ऐसी संस्कृति को छू रहे होते हैं जो “पहनी भी जा सकती है, और भीतर प्रवेश भी किया जा सकता है” — एक जीवंत, सांस लेती सांस्कृतिक अनुभूति।