जियांग्शी के शिउशुई में छुएनफ़ेंग पारंपरिक फूल-लालटेन कला को मिला नया बड़ा मंच
रात ढलते ही चीन के जिआंगशी प्रांत के शिउशुई काउंटी स्थित निंगझोउ प्राचीन नगर की गलियाँ रंगीन रोशनियों से जगमगा उठीं। ढोल–नगाड़ों की ताल के बीच मधुर गायन की आवाज़ें गूंजने लगीं। इसी माहौल में छुएनफ़ेंग फूल-लालटेन “फ़ेंगवू” मंडली के प्रमुख दाई झीशिन कलाकारों का नेतृत्व करते हुए रंग-बिरंगी लालटेन थामे अन्य कलाकारों के साथ मंच पर उतरे। गीत–नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को तुरंत ही स्थानीय संस्कृति की गहरी सुगंध में डुबो दिया। स्थानीय बोली में प्रस्तुत हास्यपूर्ण संवादों और चुटीले अंदाज़ ने माहौल को जीवंत बना दिया, और पूरी प्रस्तुति के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट थमती नहीं दिखी।
छुएनफ़ेंग फूल-लालटेन एक अनोखी लालटेन-आधारित लोक कलात्मक प्रस्तुति है, जो लालटेन, नाटक और नृत्य—इन तीनों के तत्वों को समेटे हुए है। इसका उद्गम जिआंगशी प्रांत के शिउशुई काउंटी के छुएनफ़ेंग कस्बे में हुआ। 2006 में इस पारंपरिक कला को राष्ट्रीय स्तर की प्रथम सूची में शामिल अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि प्रोजेक्ट के रूप में मान्यता मिली।
मंडली के प्रमुख दाई झीशिन कलाकारों की ओर इशारा करते हुए बताते हैं, “छुएनफ़ेंग फूल-लालटेन की प्रस्तुति शैली अत्यंत विशिष्ट है। इसमें पुरुष भूमिका (शेंग), महिला भूमिका (दान) और हास्य/विदूषक भूमिका (चोऊ) तीन पारंपरिक अभिनय रूप शामिल होते हैं। वे समझाते हैं—एक हाथ में रूमाल और दूसरे से गाड़ी के हैंडल को थामे, लयबद्ध अंदाज़ में सुगढ़ मुद्राएँ प्रदर्शित करने वाली कलाकार महिला भूमिका “दान” होती है; टोपी, चश्मा, लंबी दाढ़ी और घोड़े पर सवार होकर चाबुक लहराने वाला कलाकार पुरुष भूमिका “शेंग”; जबकि चेहरे पर चौकोर नक़ाब जैसा मेकअप, दोनों हाथों से गाड़ी धकेलते हुए हास्यपूर्ण चुटकियाँ लेने वाला कलाकार विदूषक/हास्य भूमिका “चोऊ” कहलाता है।
इस प्राचीन कला के बेहतर संरक्षण और संवर्धन के लिए शिउशुई काउंटी ने हाल के वर्षों में सांस्कृतिक–पर्यटन समेकन की पृष्ठभूमि में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के नए मार्ग तलाशे हैं। काउंटी प्रशासन ने अमूर्त विरासत प्रदर्शन मंचों के निर्माण, रचनात्मक नवाचार तंत्र विकसित करने और बहु-स्तरीय उत्तराधिकार प्रणाली स्थापित करने जैसे उपायों के माध्यम से इस पारंपरिक कला को नई ऊर्जा और जीवन्तता प्रदान की है, जिससे स्थानीय गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत में निरंतर नई चमक उभर रही है।
निंगझोउ प्राचीन नगर पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय सरकार द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के लिए विशेष रूप से निर्मित “फेईयी दा मंच” अब दाई झीशिन और उनकी मंडली का नियमित प्रदर्शन स्थल बन गया है। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान फूल-लालटेन प्रस्तुतियों को स्थानीय उत्सवों और पर्यटन प्रचार गतिविधियों में शामिल किया जाता है।
पिछले वर्ष सितंबर में, शिउशुई काउंटी ने “छुएनफ़ेंग फूल-लालटेन विरासत एवं नवाचार रचनात्मक टीम” की स्थापना की, जिससे इस पारंपरिक कला के सृजन और विकास को नया मंच मिला। इसके अलावा, काउंटी प्रशासन ने “अमूर्त सांस्कृतिक विरासत स्कूलों में” कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराधिकार की नई श्रेणियाँ तैयार की हैं — प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में फूल-लालटेन रुचि कक्षाएँ शुरू की गईं, विरासत-धारक कार्यशालाएँ स्थापित की गईं, और “गुरु–शिष्य प्रणाली” के लिए भत्ता नीति लागू की गई, ताकि कौशल और परंपरा लगातार आगे बढ़ती रहे।
गाँवों की पगडंडियों से लेकर पर्यटन स्थलों के मंचों तक, जनजीवन में गहराई से जमी यह प्राचीन छुएनफ़ेंग फूल-लालटेन कला अब नए युग में एक बार फिर नई चमक और जीवन्तता के साथ उभर रही है।