वांग यी ने फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट से मुलाकात की

3 दिसंबर को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी ने पेइचिंग में फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो से मुलाकात की।
वांग यी ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चीन की अपनी चौथी राजकीय यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू कर दी है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच प्रत्येक आदान-प्रदान न केवल चीन-फ्रांस संबंधों में एक महत्वपूर्ण एजेंडा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का भी उच्च ध्यान आकर्षित करता है। वर्तमान जटिल वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए, चीन और फ्रांस के लिए संचार और सहयोग को मजबूत करना और प्रमुख शक्तियों व संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के रूप में अपनी साझा जिम्मेदारियों को निभाना आवश्यक है। उनका विश्वास है कि दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, यह यात्रा रणनीतिक आपसी विश्वास को और बढ़ाएगी, रणनीतिक सहयोग को गहरा करेगी और चीन-फ्रांस व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विकास को नई गति प्रदान करेगी।
वांग यी ने वर्तमान जापानी नेता द्वारा थाईवान के संबंध में की गई गलत टिप्पणियों की प्रकृति और उसके गंभीर नुकसान का परिचय दिया, चीन की सैद्धांतिक स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के विजयी राष्ट्रों के रूप में, चीन और फ्रांस को रक्तपात से प्राप्त विजय के फल की संयुक्त रूप से रक्षा करनी चाहिए और जापान को थाईवान मुद्दे का इस्तेमाल करके समस्याएँ पैदा करने और इतिहास की गलतियाँ दोहराने की अनुमति कभी नहीं देनी चाहिए। उन्होंने आशा और विश्वास व्यक्त किया कि फ्रांस चीन के वैध रुख को समझता रहेगा और उसका समर्थन करता रहेगा।
बैरो ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों चीन के साथ संबंधों को, विशेष रूप से राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी विशेष और गहन मित्रता को, बहुत महत्व देते हैं। आज दुनिया संकटों से घिरी हुई है जो फैल रहे हैं और तीव्र होते जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के रूप में, फ्रांस और चीन की यह ज़िम्मेदारी है कि वे रचनात्मक तरीके से विश्व शांति की संयुक्त रूप से रक्षा करें। फ्रांस एक-चीन नीति का दृढ़ता से पालन करता है और राष्ट्रपति मैक्रों की यात्रा के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्री और सहयोग को और बढ़ाने की आशा करता है। उन्हें विश्वास है कि इसके सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे। फ्रांस यूरोपीय संघ की स्वतंत्रता और स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और यूरोप-चीन संबंधों के विकास को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए तैयार है।