थाईवान का इस्तेमाल कर परेशानी खड़ी करना खुद जापान के लिए घातक होगा: चीन

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 20 नवंबर को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जापान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि जापान ने अतीत में थाईवान पर बलपूर्वक कब्ज़ा किया था और वहां आधी सदी तक क्रूर औपनिवेशिक शासन चलाया। जापानी कब्ज़े के उस दौर में थाईवान की जनता को असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी थी। उस समय लाखों देशवासियों की हत्या की गई और आम लोगों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक अधिकार, आस्था या संस्कृति की आज़ादी प्राप्त नहीं थी। जापानियों द्वारा खनिज संसाधनों और दैनिक ज़रूरतों की वस्तुओं की बड़े पैमाने पर लूट-खसोट की गई। जापानी हमलावरों ने थाईवान में अनगिनत अपराध किए, जिससे थाईवान के इतिहास का सबसे काला अध्याय लिखा गया।
माओ निंग ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस वर्ष थाईवान पर चीनी संप्रभुता की बहाली की 80वीं वर्षगांठ है। ऐसे में जापान को यह याद रखना चाहिए कि थाईवान चीन का अभिन्न अंग है। थाईवान किसी संकट में है या नहीं, इससे जापान का कोई सरोकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जापान थाईवान का इस्तेमाल कर कोई परेशानी खड़ी करने की कोशिश करता है, तो इससे अंततः जापान के लिए ही गंभीर समस्याएँ पैदा होंगी।
इसके अलावा, जापानी सीफ़ूड (समुद्री खाद्य उत्पादों) के निर्यात से जुड़े मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट करते हुए माओ निंग ने कहा कि चीन के संबंधित विभाग कानूनों और नियमों के तहत वैज्ञानिक मूल्यांकन और सख्त जांच करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आयातित सीफ़ूड चीनी मानकों पर पूरी तरह खरा उतरे। उन्होंने दोहराया कि चूँकि जापानी नेताओं ने थाईवान जैसे बड़े सैद्धांतिक मुद्दों पर गलत बयानबाज़ी की है, जिससे चीनी जनता में गहरा आक्रोश है, इसलिए वर्तमान परिस्थितियों में चीन के भीतर जापानी सीफ़ूड निर्यात के लिए कोई बाज़ार उपलब्ध नहीं है।