जापान को चीनी तटरक्षक गश्त और कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: चीनी विदेश मंत्रालय
16 नवंबर की सुबह, चार चीनी तटरक्षक जहाज त्याओयू द्वीप समूह के आसपास के जलक्षेत्र में प्रवेश कर गए। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने 17 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जापान ने राजनयिक माध्यमों से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 18 नवंबर को आयोजित नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीनी तटरक्षक जहाजों द्वारा चीन के क्षेत्रीय जलक्षेत्र में गश्त और कानून प्रवर्तन वैध, कानूनी और स्वाभाविक है। जापान को चीनी तटरक्षक जहाजों की गश्त और कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
माओ निंग ने कहा कि दियाओयू द्वीप समूह और उनसे जुड़े द्वीप स्वाभाविक रूप से चीनी क्षेत्र हैं। चीन जापान के अनुचित दावों को स्वीकार नहीं करता है और उसने उन्हें तुरंत खारिज कर दिया है और एक प्रतिवाद दायर किया है। चीन की माँग है कि जापान, चीन और जापान के बीच बनी चार-सूत्रीय सहमति का पालन करे, चीन की प्रादेशिक संप्रभुता का सम्मान करे, चीनी तटरक्षक जहाजों की गश्त और कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप न करे, और ऐसे कोई भी कदम न उठाए जिससे स्थिति और बिगड़ जाए।
अन्य समाचारों में जापान में अमेरिकी राजदूत जॉर्ज एडवर्ड ग्लास ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने जापान में चीनी राजनयिकों को अमेरिका और जापान के बीच संबंधों को मज़बूत करने में मदद के लिए धन्यवाद दिया। इस बारे में माओ निंग ने ग्लास की चीन पर की गई टिप्पणी का खंडन करते हुए कहा कि उनका बयान विशुद्ध रूप से एक राजनीतिक दिखावा था, जिसके पीछे छिपे इरादे थे और यह एक राजनयिक की पहचान और कर्तव्यों का उल्लंघन करता है।
माओ निंग ने आगे कहा कि अमेरिका-जापान गठबंधन शीत युद्ध की उपज है और इसे किसी तीसरे पक्ष के विरुद्ध निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए, और न ही मनमाने ढंग से दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए या उनके मूल हितों को नुकसान पहुँचाना चाहिए।