ग्योंगजू में शी चिनफिंग ने जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मुलाकात की

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 31 अक्तूबर की दोपहर को, दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में 32वीं एपेक नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मुलाकात की।
शी ने कहा कि चीन और जापान महत्वपूर्ण पड़ोसी देश हैं और चीन-जापान संबंधों के दीर्घकालिक, स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देना दोनों देशों की जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की समान अपेक्षाओं के अनुरूप है। चीन, जापान के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच चार राजनीतिक दस्तावेज़ों में स्थापित सिद्धांतों और दिशाओं के अनुसार, द्विपक्षीय संबंधों की राजनीतिक नींव की रक्षा करना चाहता है, रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है, और नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप रचनात्मक और स्थिर चीन-जापान संबंध बनाने का प्रयास करने को तैयार है।

शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि वर्तमान में, चीन-जापान संबंधों के सामने अवसर और चुनौतियां दोनों हैं। उन्हें आशा है कि नई जापानी कैबिनेट चीन के बारे में सही समझ स्थापित करेगी और चीन-जापान के बीच शांति, मैत्री और सहयोग की सामान्य दिशा का पालन करेगी। उन्होंने पाँच पहलुओं में अपना सुझाव पेश किए।
पहला, महत्वपूर्ण आम सहमति का पालन करें। राजनीतिक आम सहमति को अमल में लाना आवश्यक है, जैसे "रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को व्यापक रूप से आगे बढ़ाना", "एक-दूसरे के साझेदार बनना और एक-दूसरे के लिए ख़तरा न बनना", "इतिहास से सीखना और भविष्य की ओर देखना" आदि।
दूसरा, उभय-जीत सहयोग के सिद्धांत को कायम रखें। 20वीं सीपीसी केंद्रीय समिति के चौथे पूर्णाधिवेशन ने "15वीं पंचवर्षीय योजना" अवधि (2026-2030) के दौरान चीन के विकास का खाका प्रस्तुत किया, जिससे चीन-जापान सहयोग के लिए पर्याप्त गुंजाइश बनी। दोनों देश उच्च-स्तरीय विनिर्माण, डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास, वित्त, स्वास्थ्य सेवा और वृद्ध देखभाल तथा तृतीय-पक्ष बाजार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत कर सकते हैं।
तीसरा, लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा दें। सरकारों, राजनीतिक दलों और विधायी निकायों के बीच संवाद जारी रखें, सांस्कृतिक और स्थानीय आदान-प्रदान को गहरा और विस्तारित करें, और जनभावनाओं में सुधार लाएँ।
चौथा, बहुपक्षीय सहयोग को मज़बूत करें। अच्छे पड़ोसी, समानता और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों पर कायम रहते हुए, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करते हुए, चीन और जापान को वास्तविक बहुपक्षवाद का पालन करना चाहिए और एशिया-प्रशांत समुदाय के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए।
पाँचवाँ, मतभेदों को ठीक से प्रबंधित करें। दोनों देशों को व्यापक परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए चाहिए, मतभेदों को दरकिनार करते हुए समान आधार तलाशना चाहिए, और समान आधार खोजकर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि विरोधाभासों और मतभेदों को दोनों देशों के बीच संबंधों को परिभाषित करने से रोका जा सके।
बैठक में साने ताकाइची ने कहा कि चीन, जापान का एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है और दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभाते हैं। जापान, चीन के साथ उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखते हुए सभी स्तरों पर संवाद मज़बूत करना चाहता है, आपसी समझ बढ़ाते हुए सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है, और दोनों देशों के बीच रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, ताकि एक रचनात्मक और स्थिर जापान-चीन संबंध का निर्माण हो सके।
साने ताकाइची ने दोहराते हुए कहा कि जापान थाईवान मुद्दे पर, वर्ष 1972 के जापान-चीन संयुक्त वक्तव्य में व्यक्त अपने रुख पर कायम रहेगा।