वुहान में चीनी प्राचीन बाँस की पांडुलिपियों की प्रदर्शनी शुरू

चित्र VCG से है
"चीन को जाने— चीनी प्राचीन बाँस की पांडुलिपियों प्रदर्शनी" 28 अक्टूबर को हुबेई प्रांतीय संग्रहालय में आरंभ हुई। इस प्रदर्शनी में हुबेई, हुनान, गांसू, शानदोंग आदि प्रांतों से प्राप्त मूल्यवान पांडुलिपियाँ एक साथ प्रदर्शित किए गए हैं।

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हुबेई प्रांतीय संग्रहालय के अकादमिक अनुसंधान केंद्र के उपनिदेशक लुओ च्या के अनुसार, "बाँस की पांडुलिपियों" वास्तव में लेखन सामग्री के लिए एक सामान्य नाम है, जिनको सामान्यतः बाँस या लकड़ी से बनाई जाती है। बाँस की पांडुलिपियों आकार में लम्बे तथा सँकरे होते हैं, जबकि लकड़ी की पांडुलिपियों आयताकार व चौड़े होते हैं। कागज़ के सामान्य लेखन सामग्री बनने से पहले, बाँस की पांडुलिपियों ही चीनी सभ्यता के विचारों और ज्ञान को वहन करने का प्रमुख साधन हुआ करते थे।

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प्रदर्शनी में देखने योग्य अनेक विशिष्ट झलकियाँ हैं। उनमें से, राजकुमार यी की समाधि से प्राप्त बाँस पांडुलिपियाँ अब तक ज्ञात सबसे प्राचीन हैं — जो लगभग दो हज़ार चार सौ वर्षों से भी अधिक पुरानी। शुइहूदी चिन राजवंश की "18 किन राजवंश कानून" चीन में अब तक मिली सबसे प्राचीन और संपूर्ण प्राचीन कानूनी पांडुलिपि है और लिये चिन राजवंश की पांडुलिपियों में "नौ-नौ की सारणी" वाला लकड़ी का पट्ट अब तक खोजी गई सबसे संपूर्ण प्राचीन गुणन तालिका है — गणना और संस्कृति, दोनों का अद्भुत संगम।