चीन-यूरोप आर्कटिक तीव्र जलमार्ग के पहले मालवाहक जहाज़ ने पोलैंड में लंगर डाला

26 दिनों की समुद्री यात्रा के बाद, चीन-यूरोप आर्कटिक कंटेनर तीव्र समुद्री मार्ग के पहले मालवाहक जहाज़ ने 19 अक्तूबर की सुबह पोलैंड के उत्तरी बंदरगाह ग्दांस्क पर लंगर डाला ।

यह मालवाहक जहाज़ 23 सितंबर को निंगबो-चओशान बंदरगाह से रवाना हुआ था। इस से पहले उसने क्रमिक रूप से ब्रिटेन के फेलिक्सस्टो बंदरगाह और जर्मनी के हैम्बर्ग बंदरगाह पर लंगर डाला था। ग्दांस्क बंदरगाह पर माल की लदाई-उतराई पूरा होने के बाद , वह उसी रात निदरलैंड के रॉटरडैम बंदरगाह के लिए रवाना हो गया।

सूत्रों के अनुसार, चीन-यूरोप आर्कटिक तीव्र समुद्री जहाज मार्ग आर्कटिक के उत्तर-पूर्वी समुद्री मार्ग से होकर सीधे यूरोप पहुँचा , मात्र 20 दिनों की यात्रा में ही यूरोप के पहले पड़ाव ब्रिटेन के फेलिक्सस्टो बंदरगाह पहुँचा। यह सुएज नहर रास्ते के लगभग 40 दिन और गुड होप केप रास्ते के लगभग 50 दिन यात्रा की तुलना में इस समुद्री मार्ग की समय दक्षता कहीं अधिक फायदेमंद है।

इस मार्ग का संचालन करने वाली हाइच्ये जहाजरानी (हांगकांग) निजी लिमिटेड कंपनी के मुख्य संचालन अधिकारी ली शियाओबिन ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस मार्ग की समुद्री परिस्थितियाँ और गर्मी से प्रभावित होने वाले नाजुक मालों अथवा कड़ी समय सीमा वाली मालों की ढुलाई के लिए बहुत ही उपयुक्त हैं।

'बर्फीला रेशम मार्ग' के मुख्य परिवहन मार्गों में से एक होने के रूप में, चीन-यूरोप आर्कटिक तीव्र समुद्री मार्ग द्वारा अपनाया जाने वाला आर्कटिक उत्तर-पूर्वी मार्ग, पूर्व एशिया और यूरोप को जोड़ने वाली एक नई अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के अनुकूलन और मार्गवर्ती देशों के आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने में इस की महत्वपूर्ण भूमिका है।