पिछले पांच वर्षों में चीन में जल संरक्षण विकास में नई उपलब्धियां हासिल हुईं
"14वीं पंचवर्षीय योजना" के दौरान (2021-2025), चीन ने जल संरक्षण विकास में नई उपलब्धियां प्राप्त की हैं, जिसने बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा, जल आपूर्ति सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और पारिस्थितिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में नया योगदान दिया है।
इन पांच वर्षों में, चीन ने जल संरक्षण बुनियादी ढांचे के निर्माण को मजबूती से बढ़ावा दिया है। वर्ष 2022 में, जल संरक्षण निर्माण में निवेश पहली बार 10 खरब युआन तक पहुंच गया, और लगातार तीन वर्षों का ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ दिया।
पिछले पांच वर्षों में, चीन ने अपनी बाढ़ और सूखा निवारण प्रणालियों में निरंतर सुधार किया है। जलाशयों की बाढ़ नियंत्रण क्षमता 185.6 अरब घन मीटर है, और तटबंध 66 करोड़ लोगों की रक्षा करते हैं। अब तक, चीन ने 95,000 जलाशय बनाए हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 10 खरब घन मीटर से अधिक है, जो जलाशयों के प्रकार, जलाशयों की संख्या और ऊँचे बाँधों की संख्या के मामले में विश्व में प्रथम स्थान पर है।
साथ ही, पिछले पाँच वर्षों में, चीन ने बड़ी संख्या में जल स्रोत परियोजनाएँ, जल मोड़ परियोजनाएँ और सिंचाई परियोजनाएँ बनाई हैं। इन परियोजनाओं की जल आपूर्ति क्षमता 900 अरब घन मीटर तक पहुँच गई है। इसके अलावा, चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी केंद्रीकृत ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणाली स्थापित की है, जो सबसे बड़ी आबादी की सेवा कर रही है। "14वीं पंचवर्षीय योजना" के अंत तक, देश भर में ग्रामीण नल जल प्रवेश दर 96 फीसदी तक पहुँचने की उम्मीद है।
वर्तमान में, चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे व्यापक और सबसे अधिक आबादी वाली जल संरक्षण अवसंरचना प्रणाली बनाई है, जो बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, सिंचाई और पारिस्थितिकी जैसे मांग के सभी क्षेत्रों को कवर करती है।
17 अक्टूबर को, त्रि-घाटी (सानश्या) ग्रुप ने नवीनतम आँकड़े जारी कर कहा कि दुनिया के सबसे बड़े स्वच्छ ऊर्जा गलियारे ने पिछले कुछ वर्षों में 40 खरब किलोवाट-घंटे से ज़्यादा बिजली पैदा की है। दुनिया का यह सबसे बड़ा स्वच्छ ऊर्जा गलियारा "14वीं पंचवर्षीय योजना" के दौरान बनाया गया था।
बताया गया है कि इस स्वच्छ ऊर्जा गलियारे में छह बड़े बिजलीघर शामिल हैं, जो 1,800 किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं और इनकी कुल स्थापित क्षमता 7 करोड़ 16 लाख 95 हज़ार किलोवाट और औसत वार्षिक बिजली उत्पादन लगभग 300 अरब किलोवाट-घंटे है। यह राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड के अंतर्संबंध को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाता है।