छोशी पत्रिका में सीपीसी महासचिव शी चिनफिंग का महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित

16 अक्टूबर को प्रकाशित होने वाले छोशी (Qiushi) पत्रिका के 20वें अंक में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव, राष्ट्रापति और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी चिनफिंग का एक महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित किया जाएगा, जिसका शीर्षक है —"वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल, वैश्विक सभ्यता पहल और वैश्विक शासन पहल के कार्यान्वयन को बढ़ावा देना"। यह लेख सितंबर 2021 से सितंबर 2025 के बीच महासचिव शी चिनफिंग द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण विचारों का चयनित संकलन है।

शी चिनफिंग ने लेख में यह ज़ोर दिया है कि आज की दुनिया में शांति, विकास, सुरक्षा और शासन की कमी लगातार बढ़ रही है। इसमें मानव जाति के साझा भविश्य समुदाय पहल, वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल जैसे उपायों के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है, ताकि एक बेहतर विश्व का निर्माण किया जा सके और सभी देशों के लोगों के लिए अधिक समृद्ध और बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जा सके।

लेख में यह उल्लेख किया गया है कि विकास ही जनता की खुशहाली प्राप्त करने की कुंजी है। हम सर्वसमावेशी व साझा लाभ वाली आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करते हैं, महत्वाकांक्षी "बेल्ट एंड रोड" पहल के उच्च गुणवत्ता वाले सहयोगी निर्माण को प्रोत्साहित करते हैं और वैश्विक विकास पहल को लागू करते हैं, जिन का उद्देश्य विकास के अवसरों का सर्वसमावेशी वितरण सुनिश्चित करना, विकास के मार्ग को समावेशी बनाना, सभी देशों के लोगों को विकास के लाभ साझा करने देना, और "वैश्विक गाँव" के सभी राष्ट्र मिलकर समृद्धि और प्रगति का मार्ग सुनिश्चित करना है, और साझा लाभ की सिद्धांत वैश्विक सर्वसम्मति बनाना। लेख में आगे कहा गया है कि हमें विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देना, जनता-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना, सर्वसमावेशी और साझा विकास को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रेरक शक्ति बनाना, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व बनाए रखना, तथा ठोस कार्यवाही पर बल देना चाहिए — ताकि साथ मिलकर वैश्विक विकास को संतुलित, समन्वित और समावेशी नए चरण की ओर अग्रसर किया जा सके।

लेख में विशेष तौर पर यह भी उल्लेख किया गया है कि 2025 विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध में विजय और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ है, जो इतिहास को स्मरण करने और भविष्य को साझा रूप से बनाने का एक महत्वपूर्ण क्षण है। 80 वर्ष पहले, दो विश्वयुद्धों की भीषण त्रासदियों ने अंतरराष्ट्रीय समाज को गंभीर आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया था, और इसी के परिणामस्वरूप में संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ, जिससे वैश्विक शासन का एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ। 80 वर्ष बाद भी, शांति, विकास, सहयोग और साझा लाभ की युगधारा अब भी अपरिवर्तित है, किंतु शीतयुद्ध की मानसिकता, वर्चस्ववाद और संरक्षणवाद की छाया बनी हुई है । नई खतरे और चुनौतियाँ लगातार बढ़ रही हैं, जिससे दुनिया एक नए अशांत परिवर्तनकाल में प्रवेश कर चुकी है, और वैश्विक शासन एक नए मोड़ पर खड़ा है। इतिहास हमें बताता है कि जितने कठिन समय हों, उतना ही हमें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की मूल भावना को बनाए रखना चाहिए, सहयोग और साझा लाभ में विश्वास दृढ़ रखना चाहिए, और इतिहास की प्रगति की तर्कसंगत दिशा तथा युग के विकास की धारा के अनुरूप आगे बढ़ते रहना चाहिए।