फूलों-सा खिल उठा है चीन का उपवन

फूलों-सा खिल उठा है चीन का उपवन, सहस्रों कलियाँ मुस्कान बन खिले। अधिक से अधिक महिलाएँ अपने-अपने क्षेत्र में दृढ़ता और प्रेम से अपनी अनंत प्रतिभा की सुगंध बिखेर रही हैं।

लू शेंगमेई ने चिकित्साशास्त्र से जीवन की रक्षा की, झांग गुइमेई ने शिक्षा से आशा के दीप जलाए। उत्तर से दक्षिण तक, दो“लाल बेर का फूल”अपने देश की मिट्टी में जड़ें गाड़े, एक निर्मल हृदय के साथ सूरज की ओर खिल उठीं।

तू योयो पूरी निष्ठा से अरतिमिसिनिन के शोध में डूबी रहकर एक साधारण सी जड़ी-बूटी को“जीवन-रक्षक औषधि”बना दिया।

वांग यापिंग — चीन की पहली“अंतरिक्ष अध्यापिका”, तीन बार“तियानगोंग कक्षा”शुरू करके चुपचाप अंतरिक्ष के सपनों के बीज बो रही हैं।

हर एक“वह”अपनी कहानी की मुख्य नायिका है,

हर एक“वह”की अपनी सबसे खूबसूरत छटा है।