पेकिंग विश्वविद्यालय ने उच्च-परिशुद्धता,स्केलेबल एनालॅाग मैट्रिक्स कम्पयूटेशन चिप विकसित किया
चित्र VCG से है
डिजिटल गणना के कंप्यूटर क्षेत्र में आधी शताब्दी से अधिक समय तक प्रभुत्व बनाए रखने के बाद, चीन के वैज्ञानिकों ने नई प्रकार की कंप्यूटिंग संरचना में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पेकिंग विश्वविद्यालय के कृत्रिम बुद्धिमत्ता शोध संस्थान की सुन छुंग दल के नेतृत्व में और इंटीग्रेटेड सर्किट्स अकादमी की संयुक्त अनुसंधान दल के सहयोग के अन्तर्गत रेजिस्टिव रैंडम एक्सेस मेमोरी आधारित उच्च-परिशुद्धता, स्केलेबल एनलॅाग मैट्रिक्स कंप्यूटेशन चिप सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। यह पहली बार है जब एनालॅाग कम्पयुटेशन की परिशुद्धता को 24-बिट फिक्स्ड-पॉइंट की सटीकता तक बढ़ाई गई है।
संबंधित प्रदर्शन आंकड़े बताते हैं कि इस चिप ने बड़े पैमाने पर MIMO सिग्नल डिटेक्शन जैसी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक समस्याओं को हल करने में, वर्तमान के शीर्ष डिजिटल प्रोसेसर (जैसे ग्राफ़िक्स प्रोसेसर GPU) की तुलना में गणना क्षमता व उसकी ऊर्जा दक्षता में सौ गुना से हजार गुना तक बढ़ा दिया है।
शोध-पत्र पत्रिका के लेखक सुन छुंग ने संवाददाता को जानकारी देते हुए कहा कि एनलॅाग कम्पयूटेशन प्रारंभिक कंप्यूटर की कुंजीभूत तकनीक थी। जिसकी भौतिक नियमों के आधार पर सीधे गणना में उच्च समवर्ती क्षमता, कम विलंबता और कम ऊर्जा खपत जैसे स्वाभाविक लाभ पाए जाते हैं। सुन छुंग ने यह भी खुलासा किया कि सख्त प्रायोगिक परीक्षण और मानक तुलनाओं में उक्त तकनीक की समाधान कम्पयूटेशन शक्ति GPU के सिंगल कोर से आगे निकल गयी है। गणना शक्ति के मामले में, 32×32 मैट्रिक्स के प्रतिलोम की समस्या हल करते समय यह तकनीक उच्च स्तरीय GPU के सिंगल-कोर प्रदर्शन से भी आगे निकल गई। जब समस्या का आकार 128×128 तक बढ़ जाता है, उसकी कम्पयूटेशनल क्षमता शीर्ष डिजिटल प्रोसेसर से 1000 गुना से भी अधिक हो सकती है।
सुन छुंग ने आगे टिप्पणी करते हुए कहा कि उक्त तकनीक ने अत्यधिक उच्च ऊर्जा दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया है। समान परिशुद्धता के पहलु पर, इस तकनीक की ऊर्जा दक्षता पारंपरिक डिजिटल प्रोसेसर की तुलना में 100 गुना अधिक है, जो कम्पयूटेशन शक्ति केन्द्र की ऊर्जा खपत से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी आधार प्रदान करता है।