थियानशान पर्वत और रेगिस्तान को पार करते हुए, शिनजियांग राजमार्ग नेटवर्क ने प्राकृतिक दुर्गम बाधाओं को आसान मार्गों में बदला


चित्र VCG से है

शिनजियांग राजमार्ग निर्माण के इतिहास की सबसे बड़ी एकल निवेश एक्सप्रेसवे परियोजना — G3033 कुईतुन से दुशान्ज़ी होते हुए कुचे तक का एक्सप्रेसवे — 20 तारीख़ को औपचारिक रूप से शुरू हुआ। यह परियोजना थियानशान की मुख्य पर्वत श्रृंखला को पार करेगी, जिसे “थियानशान पर्वत का दूसरा मार्ग” कहा जा रहा है। अनुमान है कि यह एक्सप्रेसवे 2032 तक पूरा होकर यातायात के लिए खुल जाएगा, जिससे उत्तरी और दक्षिणी शिनजियांग के बीच एक और एक्सप्रेसवे मार्ग सुलभ हो सकेगा।

शिनजियांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश की स्थापना के 70 वर्षों में परिवहन में जबरदस्त बदलाव आया है। 20वीं सदी के पचास के दशक की शुरुआत में जहां आवागमन बेहद असुविधाजनक व कठिन था, वहीं आज यहां विस्तृत सड़कें विशाल थियानशान पर्वत और रेगिस्तानों को भेदते हुए, इस विशाल भूमि को लगातार विकसित होते सड़क नेटवर्क के माध्यम से मजबूती से जोड़ रही हैं।

विशेष रूप से उल्लेखनीय है उरुमची और यूलि को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे मार्ग। लगभग 319.7 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे लगभग सीधी रेखा में थियानशान पर्वत को पार करता है, जिससे पहले कम से कम 3 घंटे लगने वाली पहाड़ी यात्रा घटकर केवल 20 मिनट रह गई है। इस मार्ग पर 22.1 किलोमीटर लंबी थियानशान पर्वत विजय सुरंग भी शामिल है, जो विश्व की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे सुरंग है।

“हम‘चीनी निर्माण’उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए अनेक‘सबसे बड़ी’और‘सबसे पहली वाली उपलब्धियों को साकार कर रहे हैं।”चीन संचार शिनजियांग परिवहन निवेश विकास लिमिटेड के प्रमुख छ्वेई जिंगछुआन ने कहा।

जानकारी के अनुसार, जटिल भूगर्भीय संरचना वाले थियानशान पर्वत में सुरंग बनाना मानो “टोफ़ू” में काम करने जैसा है, जहा सुरंग खोदना बेहद चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण कार्य है । चीन द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित “थियानशान”और “विजय” कठोर शिला खुदाई मशीनों मशीनें ने मध्य सुरंग के दोनों सिरों से समानांतर खुदाई करते हुए बीच की ओर अग्रसर होकर एक विश्वस्तरीय चुनौती को सफलतापूर्वक हल किया।

शिनजियांग का सघन सड़क परिवहन नेटवर्क न केवल “चीनी बुद्धिमत्ता” को प्रदर्शित करता है, बल्कि स्थानीय आर्थिक व सामाजिक विकास में भी प्रबल ऊर्जा का संचार करता है। हाल के वर्षों में, दुकु राजमार्ग, यीझाओ राजमार्ग, पानलुंग प्राचीन मार्ग आदि राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध “लोकप्रिय राजमार्ग” बन चुके हैं, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। इससे स्थानीय भोजनालयों, होटलों, वाहन किराया के व्यवसायों को बल मिला और ‘सड़क अर्थव्यवस्था’ को गति मिली।