व्यस्त और जीवंत बाकोरो सड़क पर खिल उठी राष्ट्रीय एकता का फूल

ल्हासा के प्राचीन नगर में स्थित बाकोरो सड़क, तेरह सौ वर्षों से जीवित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जगमगा रही है।

जुलाई 2021 में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग यहाँ आए और भावुक होकर कहा: "हज़ारों वर्ष पुरानी बाखोर स्ट्रीट हमारे सभी जातीय समुदायों के संयुक्त प्रयास से बनी है। यहाँ विभिन्न जातियों की संस्कृतियाँ आपस में संवाद, संपर्क और समन्वय करती हैं, और यही स्थान चीनी राष्ट्र के परिवार की सामूहिक आनंदमय एकता को दर्शाता है।"

बाकोरो स्ट्रीट, मरम्मत और नवीनीकरण के दौरान भी अपनी प्राचीन संस्कृति और स्वरूप को संजोए हुए है। 1980 के दशक से ही, पार्टी और सरकार ने बाकोरो सड़क की कई बार मरम्मत की है। ल्हासा के पुराने जिलों के कई नवीनीकरण कार्यों में, बाकोरो स्ट्रीट की बुनियादी सुविधाएँ और भी बेहतर हुई हैं, जबकि इसकी ऐतिहासिक पहचान और स्वरूप सुरक्षित रखते हुए और भी निखारा गया है।

आज के दिनों में, बाकोरो सड़क पर दुकानें सजी हुई हैं और पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। बाकोरो स्ट्रीट के आसपास शीत्सांग, हान और हुई समेत कई जातीय समुदायों के 100 से अधिक बड़े आवासीय परिसर हैं। यहाँ के लोग साथ में व्यापार करते हैं, जीवन व्यतीत करते हैं, और लंबे समय से एक-दूसरे की मदद करते आए हैं। इस तरह चीनी राष्ट्र का परिवार आपसी स्नेह और सहयोग में "चाय और नमक की तरह" घुल-मिल गया है।

हजार साल पुरानी बाकोरो स्ट्रीट हिमालयी पठार के ऐतिहासिक परिवर्तनों की गवाह है और यहाँ राष्ट्रीय एकता के फूल भी खिलते हैं।