मानवाधिकार परिषद में "पेइचिंग+30" समारोह, महिलाओं के अधिकारों पर ज़ोर
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र ने 8 सितंबर को स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में "पेइचिंग+30" उच्च-स्तरीय स्मृति समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 100 से ज़्यादा देशों के स्थायी प्रतिनिधियों और वरिष्ठ राजनयिकों ने भाग लिया।
मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष जुर्ग लॉबर और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उप-उच्चायुक्त नादा नशिफ़ ने उद्घाटन भाषण दिए। चीन के स्थायी प्रतिनिधि छन शू, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की महासचिव डोरेन बोगदान-मार्टिन, और संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन की महासचिव रेवेका ग्रीनस्पैन जैसे विशिष्ट अतिथि भी मौजूद थे।
चीन के स्थायी प्रतिनिधि छन शू ने अपने संबोधन में कहा कि 30 साल पहले पारित पेइचिंग घोषणापत्र और कार्य योजना आज भी दुनिया भर में महिलाओं के अधिकारों के विकास के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले 30 वर्षों में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में सकारात्मक प्रगति हुई है, लेकिन कई चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं।
छन शू ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, चीन ने एक वैश्विक शासन पहल पेश की है जिसका उद्देश्य एक न्यायसंगत और समतापूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना है। उन्होंने सभी देशों से सच्चे बहुपक्षवाद का पालन करने और विकास के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने का आग्रह किया।
सभी उपस्थित पक्षों ने पेइचिंग घोषणापत्र के महत्व की सराहना की और माना कि वैश्विक शासन को मज़बूत करना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने भविष्य में महिलाओं के हित में वैश्विक प्रशासन में सुधार लाने के लिए पेइचिंग में फिर से मिलने की आशा व्यक्त की।