शी चिनफिंग ने चीन, रूस और मंगोलिया के राष्ट्रपतियों की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की

(CRI)09:17:23 2025-09-03

2 सितंबर की सुबह, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मंगोलियाई राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख के साथ पेइचिंग के ग्रेट हॉल ऑफ़ द पीपुल में चीन, रूस और मंगोलिया के राष्ट्रपतियों की 7वीं बैठक की। शी चिनफिंग ने चीन-रूस-मंगोलिया सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए, राजनीतिक आपसी विश्वास को मज़बूत करना, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गहरा करना और शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के ढांचे के भीतर सहयोग को मज़बूत करने के तीन सुझाव दिए।

शी चिनफिंग ने बताया कि हाल के वर्षों में, चीन, रूस और मंगोलिया के बीच त्रिपक्षीय सहयोग लगातार विकसित हुआ है और ठोस परिणाम प्राप्त हुए हैं। त्रिपक्षीय सहयोग के लिए मध्यावधि रोडमैप को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, तीनों देशों के बीच व्यापार में लगातार वृद्धि हुई है, और अर्थव्यवस्था, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण, और लोगों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग लगातार गहरा होता जा रहा है।

शी चिनफिंग ने तीनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक पारस्परिक विश्वास को मज़बूत करने, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गहरा करने और एससीओ के ढाँचे के भीतर सहयोग को मज़बूत करने आदि तीन प्रस्ताव रखे।

पुतिन ने कहा कि रूस, चीन और मंगोलिया मित्रवत पड़ोसी हैं और सहयोग की एक लंबी परंपरा है। राजनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाना महत्वपूर्ण है और इससे त्रिपक्षीय सम्बंधों की नींव को मज़बूत करने में मदद मिलेगी। रूस चीन और मंगोलिया के साथ समान, पारस्परिक रूप से लाभकारी और भविष्योन्मुखी रणनीतिक सहयोग करने को तैयार है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि त्रिपक्षीय सहयोग द्विपक्षीय सहयोग को पूरक और सुदृढ़ बनाए।

खुरेलसुख ने कहा कि चीन और रूस मंगोलिया के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं। मंगोलिया द्विपक्षीय सम्बंधों को मज़बूत करने, त्रिपक्षीय सहयोग का विस्तार करने, चीन-मंगोलिया-रूस आर्थिक गलियारे के निर्माण को आगे बढ़ाने और तीनों देशों के लोगों के लाभ के लिए लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध और सोवियत संघ के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ है। मंगोलिया, चीन और रूस के लोगों को संयुक्त रूप से इस ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाना और स्मरण करना चाहिए और द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास के बारे में सही दृष्टिकोण को बढ़ावा देना चाहिए।