एससीओ शिखर सम्मेलन में 7 महत्वपूर्ण वक्तव्य जारी किए गए
1 सितंबर को, चीन के थ्येनचिन शहर में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 25वीं राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक में 7 वक्तव्य जारी किए गए। जिनके विषयों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अंतरर्राष्ट्रीय सहयोग को गहराना, वैज्ञानिक तकनीकी नवाचार में सहयोग को मजबूत करना, डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को मजबूत करना, विश्व नशीली दवाओं की समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान करना और उसका मुकाबला करना, द्वितीय विश्व युद्ध में विजय और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ, ऊर्जा सतत विकास और हरित उद्योग सहयोग शामिल हैं।
एआई अंतरर्राष्ट्रीय सहयोग को गहराने पर वक्तव्य में कहा गया कि एससीओ सदस्य देशों ने स्वीकार किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण का जोरदार विकास आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक नई प्रेरक शक्ति बन रहा है, और वे एआई के विकास को अधिक खुले, समावेशी, न्यायसंगत और उदार दिशा में बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।
वैज्ञानिक तकनीकी नवाचार में सहयोग की मजबूती पर वक्तव्य में माना गया कि एससीओ ढांचे के भीतर वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को और आगे बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है। यह नए नवाचार विकास बिंदुओं को खोजने और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के नवाचार की ओर परिवर्तन को बढ़ावा देने, एससीओ क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने और सामाजिक चुनौतियों का संयुक्त रूप से सामना करने का एक प्रभावी तरीका है। सदस्य देश पारस्परिक रूप से लाभकारी और समान सहयोग, साझा विकास, सहयोग के नए मॉडलों और चैनलों के संयुक्त अन्वेषण, नवाचार क्षमता में वृद्धि और वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार में सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास की मजबूती पर वक्त्वय में एससीओ सदस्य देशों ने माना कि डिजिटल विभाजन को पाटने तथा आर्थिक विकास और वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास को बढ़ावा देने में डिजिटल क्षेत्र में सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है, उन्होंने एससीओ ढांचे के तहत डिजिटल अर्थव्यवस्था सहयोग को मजबूत करने और सदस्य देशों के राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने को दोहराया।
वहीं, नशीली दवाओं की समस्या संबंधी वक्तव्य में माना गया कि वैश्विक नशीली दवाओं की समस्या सभी देशों की स्थिरता और सतत विकास के लिए खतरा है, वक्तव्य में सभी देशों से हाथ मिलाकर साझा जिम्मेदारी और व्यापक संतुलन के सिद्धांतों का पालन करते हुए नशीली दवाओं की मांग और आपूर्ति को कम करने के उपायों को मजबूत करने का आह्वान किया गया।
उधर, द्वितीय विश्व युद्ध में विजय और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के बारे में वक्तव्य में कहा गया कि इस युद्ध में विजय सभी देशों और लोगों के सम्मिलित प्रयासों का परिणाम थी, जो एक समान खतरे का विरोध करने के लिए एकजुट हुए थे। आज, हम अतीत और भविष्य के प्रति एक साझा ज़िम्मेदारी रखते हैं—भविष्य की पीढ़ियों को युद्ध के अभिशाप से बचाना और ऐसी त्रासदियों को फिर कभी न होने देने के लिए अपनी पूरी शक्ति से प्रयास करना।
सतत ऊर्जा विकास पर वक्तव्य में एससीओ सदस्य देशों के नेताओं ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में हो रहे व्यापक बदलावों को स्वीकार किया और ऊर्जा सुरक्षा, बाज़ार स्थिरता और न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के लक्ष्य 7 को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
हरित उद्योग सहयोग पर वक्तव्य में पारिस्थितिक पर्यावरण की सुरक्षा और हरित विकास को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया, और माना गया कि यह सहयोग एससीओ के सदस्य देशों के बीच एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इसे मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है।