थ्येनचिन में चीनी राष्ट्रपति ने मिस्र के प्रधानमंत्री से मुलाकात की

(CRI)11:08:12 2025-08-31

30 अगस्त को, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने थ्येनचिन में 2025 शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली से मुलाकात की।

इस दौरान, शी ने कहा कि मिस्र, चीन लोक गणराज्य के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला अरब और अफ्रीकी देश था। चीन-मिस्र संबंध वर्तमान में अपने सर्वोत्तम स्तर पर हैं। अगले वर्ष, दोनों देश राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाएंगे। दोनों पक्षों को इस अवसर का लाभ उठाकर नए युग में चीन-मिस्र साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के लक्ष्य की ओर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाना चाहिए, चीन-अरब और चीन-अफ्रीका संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करना चाहिए, विश्व शांति व स्थिरता बनाए रखने तथा वैश्विक विकास व समृद्धि को बढ़ावा देने में और अधिक योगदान देना चाहिए।

शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि नई परिस्थितियों में, चीन और मिस्र को एक दूसरे का दृढ़ समर्थन करने वाले अच्छे भाई बनना चाहिए, राजनीतिक आपसी विश्वास को लगातार मजबूत करते हुए एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर लगातार आपसी समर्थन करना चाहिए। आपसी लाभ वाले सहयोग को गहराते हुए "बेल्ट एंड रोड" पहल को "2030 विजन" पहल की जोड़ को बढ़ावा देना चाहिए, अर्थव्यवस्था, व्यापार, संयुक्त विनिर्माण, नई ऊर्जा आदि के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना चाहिए।

इसके साथ ही, शी ने यह भी कहा कि चीन और मिस्र को घनिष्ठ बहुपक्षीय सहयोग में संलग्न अच्छे मित्र बनना चाहिए, वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में प्रमुख शक्तियों के ऐतिहासिक मिशन और जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए, द्वितीय विश्व युद्ध की जीत के परिणामों की रक्षा करनी चाहिए, एकतरफावाद और धौंस-धमकी का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए, और संयुक्त राष्ट्र के मूल में अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए।

मुलाकात में, मदबौली ने कहा कि चीन मिस्र का सच्चा साझेदार और मित्र है, और दोनों पक्ष हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा और समर्थन करते रहे हैं। मिस्र चीन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है और एक-चीन सिद्धांत का दृढ़ता से पालन करता है। अगले वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ होगी, मिस्र इसका लाभ उठा कर दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को मजबूत करना, व्यापार और निवेश का विस्तार करना, नई ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, वित्त और समुद्री जल विलवणीकरण में सहयोग को गहरा करना चाहता है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के और अधिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

मदबौली ने यह भी कहा कि मिस्र और चीन दोनों विकासशील देश और वैश्विक दक्षिण के देश हैं। विश्व की स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करते हुए, मिस्र विकासशील देशों के समान हितों की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में चीन के साथ मिलकर समन्वय और सहयोग को मज़बूत करने को तैयार है।