दुनिया की पहली "सुपर-क्लास शून्य-कार्बन बिल्डिंग" चीन के छिंगताओ में खुली
पेइचिंग समयानुसार 24 अगस्त को, दुनिया की पहली सुपर-क्लास शून्य-कार्बन बिल्डिंग चीन के शानतोंग प्रांत के छिंगताओ शहर में आधिकारिक तौर पर खोली गई। इसे "सुपर-क्लास" इसलिए कहा जाता है, क्योंकि फोटोवोल्टिक बिजली उत्पादन के अलावा, यह इमारत 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा प्रतिस्थापन प्राप्त करने के लिए सेकेंड-लाइफ बैटरियों यानी द्वितीय-जीवन ऊर्जा भंडारण बैटरियों और नवीन ऊर्जा वाहनों का भी उपयोग करती है। इस इमारत का आधिकारिक उद्घाटन चीन के शून्य-कार्बन निर्माण प्रयासों में नई प्रगति का प्रतीक है।
दुनिया की पहली सुपर-क्लास शून्य-कार्बन इमारत 117 मीटर ऊंची है। इसमें 23 मंज़िलों पर ऑफिस हैं, जो प्रतिदिन लगभग 6,000 किलोवाट बिजली की खपत करते हैं। छतों पर फोटोवोल्टिक्स स्थापित करने के पारंपरिक तरीकों के विपरीत, इस इमारत के शून्य-कार्बन दृष्टिकोण ने इस इमारत के पूर्व, पश्चिम और दक्षिण भाग सभी एकीकृत फोटोवोल्टिक ग्लास परदे वाली दीवार से ढके हुए हैं। यह इस इमारत के लिए एक "बिजली उत्पादन जैकेट" प्रभावी रूप से बनाता है, जो डीसी पावर सीधी रूप से प्रदान कर सकता है। इससे न केवल स्थानीय उपयोग संभव होता है, बल्कि डीसी पावर को एसी पावर में बदलने से होने वाले नुकसान से भी प्रभावी रूप से बचा जा सकता है। यह उपकरण इस इमारत की लगभग 25 प्रतिशत ऊर्जा हरित ऊर्जा से उपलब्ध कराता है, जिससे प्रति वर्ष लगभग 500 टन कार्बन उत्सर्जन कम होता है।