वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ वार्ता की
स्थानीय समयानुसार 18 अगस्त को सीपीसी केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ वार्ता की।
वांग यी ने कहा कि आज की दुनिया बड़े बदलाव से गुज़र रही है। मुक्त व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर, मानव समाज अपनी भविष्य की दिशा निर्धारित करने के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। 2.8 अरब से अधिक की संयुक्त जनसंख्या वाले दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत को अधिकांश विकासशील देशों के लिए एक मिसाल कायम करनी चाहिए कि वे एकजुट होकर खुद को मज़बूत करें, और एक बहुध्रुवीय विश्व को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण में योगदान दें।
वांग यी ने कहा कि इस वर्ष चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों पक्षों को पिछले 75 वर्षों के अनुभवों और सबकों का गंभीरता से लाभ उठाना चाहिए, एक सही रणनीतिक समझ विकसित करनी चाहिए, एक-दूसरे को दुश्मन या ख़तरा मानने के बजाय साझेदार और अवसर के रूप में देखना चाहिए, विकास और पुनरुद्धार में अपने-अपने बहुमूल्य संसाधनों का निवेश करना चाहिए, और आपसी सम्मान और विश्वास, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, समान विकास और उभय-जीत सहयोग के आधार पर प्रमुख पड़ोसी देशों के सह-अस्तित्व के लिए एक सही रास्ता तलाशना चाहिए।
वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के संयुक्त मार्गदर्शन में, भारत-चीन संबंध एक निम्नतम बिंदु से उभरकर निरंतर सुधर रहे हैं और विकसित हो रहे हैं, तथा विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने चीन के शीत्सांग (तिब्बत) के पवित्र पर्वतों और झीलों की भारतीय तीर्थयात्रियों की तीर्थयात्रा को सुविधा देने के लिए चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत और चीन के बीच आपसी रणनीतिक समझ को बेहतर बनाने के महत्व पर बल दिया। दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, भारत और चीन दोनों बहुपक्षवाद को बनाए रखते हैं और एक निष्पक्ष एवं संतुलित बहुध्रुवीय विश्व को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही दोनों को वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए भी मिलकर काम करना चाहिए।