चीनी वैज्ञानिकों ने लिथियम बैटरियों के ऊर्जा घनत्व और सहनशक्ति को 2-3 गुना बढ़ाया

(CRI)13:39:24 2025-08-14


चित्र VCG से है

विद्युत परिवहन, निम्न-ऊंचाई वाली अर्थव्यवस्था, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और मानवरूपी रोबोट जैसे उभरते क्षेत्रों के तेज़ी से विकास के चलते, उच्च-ऊर्जा, लंबे समय तक चलने वाली, रिचार्जेबल बैटरियों की माँग लगातार बढ़ती जा रही है। ऊर्जा घनत्व बैटरी की एक प्रमुख विशिष्टता है, वज़न और आकार को कम करते हुए अधिक ऊर्जा का भंडारण कैसे किया जाए, यह एक तकनीकी चुनौती है जिसे दुनिया भर के शोधकर्ता दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

हाल ही में, चीनी शोधकर्ताओं ने मौजूदा पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों के ऊर्जा घनत्व और अनुप्रयोग प्रदर्शन की बाधाओं को दूर करते हुए, 600 वाट-घंटे/किग्रा से अधिक ऊर्जा घनत्व वाली सॉफ्ट-पैक बैटरियाँ और 480 वाट-घंटे/किग्रा ऊर्जा घनत्व वाली मॉड्यूल बैटरियाँ विकसित की हैं। इनके प्रदर्शन संकेतक मौजूदा लिथियम-आयन बैटरियों के ऊर्जा घनत्व और सहनशक्ति से सीधे 2-3 गुना बेहतर हैं।

कई वर्षों के वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों और तकनीकी सफलताओं के बाद, थ्येनचिन विश्वविद्यालय और उसके सहयोगियों की शोध टीम ने पहली बार उच्च-ऊर्जा धातु लिथियम बैटरी इलेक्ट्रोलाइट्स की "विस्थानीकरण" (डीलोकलाइज़ेशन) डिज़ाइन अवधारणा का बीड़ा उठाया है, जिससे पारंपरिक इलेक्ट्रोलाइट डिज़ाइन की प्रमुख विलयन संरचना पर निर्भरता समाप्त हुई है और ऊर्जा घनत्व और समग्र प्रदर्शन में दोहरा सुधार हुआ है। सम्बंधित शोध परिणाम 13 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक पत्रिका "नेचर" में प्रकाशित हुए।

वर्तमान में, सम्बंधित टीम प्रासंगिक परिणामों के तकनीकी परिवर्तन और अनुप्रयोग सत्यापन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इसने उच्च-ऊर्जा धातु लिथियम बैटरियों के लिए एक पायलट उत्पादन लाइन स्थापित की है, जिसका चीन में माइक्रो ऑल-इलेक्ट्रिक मानव-रहित हवाई वाहनों के तीन मॉडलों पर सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, जिससे उड़ान का समय मौजूदा बैटरियों की तुलना में 2.8 गुना बढ़ गया है।

बताया गया है कि टीम ने वर्तमान में उच्च-ऊर्जा लिथियम बैटरियों की पूरी श्रृंखला की मुख्य तकनीकों, अर्थात् "सामग्री-इलेक्ट्रोलाइट-इलेक्ट्रोड-बैटरी" में महारत हासिल कर ली है। सभी कच्चे माल और प्रमुख तकनीकों को स्वतंत्र रूप से नियंत्रित किया जा सकता है, और टीम में उच्च स्थिरता के साथ बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की क्षमता है। इस वर्ष की दूसरी छमाही में इसके पूरी तरह से उत्पादन में आने की उम्मीद है।