"लाउडस्पीकर युग" से "एचडी क्रांति " तक: शीत्सांग के प्रसारण और टेलीविजन की "उच्च गुणवत्ता सुगम्यता" में तेज रफतार

8 अगस्त को ल्हासा में शुरू प्रसारण-टीवी जनकल्याण सेवा गतिविधि से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक शीत्सांग के सभी गांवों और बस्तियों में रेडियो व टेलीविजन प्रसारण सिग्नल जोड़े जा चुके हैं, जिससे “गांव-गांव में कनेक्टिविटी”व“उच्च गुणवत्ता सुगम्यता” का लक्ष्य पूरा हो गया है। इनमें, ग्रामीण और पशुपालक क्षेत्रों के प्रत्यक्ष प्रसारण उपग्रह से उपभोक्ता 46 रेडियो चैनल और 97 टीवी चैनल सुनने-देखने का आन्नद उठा सकते हैं, इस प्रकार हिमाच्छादित और दुर्गम इलाकों में टीवी देखने की समस्या हल हो गई है।

शीत्सांग स्वायत्त क्षेत्र की स्थापना के 60 वर्षों में, रेडियो और टीवी प्रसारण क्षेत्र ने “शून्य से शिखर तक फिर उत्कृष्टता की ओर" भारी छलांग मारी है। 1965 में, पूरे शीत्सांग में वायरलेस प्रसारण की जनसंख्या कवरेज दर केवल 12% थी। "लाउडस्पीकर युग" से "एचडी क्रांति " तक, आज शीत्सांग में 76 रेडियो और टीवी स्टेशन उपलब्ध हैं, पूरे शीत्सांग क्षेत्र में रेडियो और टीवी की संपूर्ण जनसंख्या कवरेज दर क्रमशः 99.54% और 99.67% तक जा पहुँची है।

"टीवी और रेडियो प्रसारण के माध्यम से हमने कृषि तकनीक सीखी, राष्ट्रीय नीतियों की जानकारी हासिल की और तो और मौसम की चेतावनी संबंधी जानकारी भी हमें समय-समय पर प्राप्त होती रहती है, जिससे हमारे उत्पादन और जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है," ल्हासा की निवासी मीमा चोमा ने कहा।

पिछले 60 वर्षों में, रेडियों और टेलीविजन प्रसारण ने शीत्सांग के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले किसानों और चरवाहों के आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध किया है।

73 वर्षीय यांगचिन चोगा ने पत्रकारों को बताया कि रेडियो और टीवी हमेशा उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा रहे हैं, और वह रोज़ाना कम से कम दो से तीन घंटे सुनती या देखती हैं। "अब तो कार्यक्रम सचमुच बहुत विविध और रोचक हो गए हैं!" यांगचिन चोगा ने कहा।

अति-उच्च-परिभाषा सेट-टॉप बॉक्स का लाभ अधिक से अधिक किसानों और चरवाहों तक पहुँचाने के उद्शेय से , शीत्सांग स्वायत्त क्षेत्र के रेडियों व टीवी प्रसारण ब्यूरो ने अपनी जनकल्याण सेवा गतिविधि को पूरे क्षेत्र के 7 शहरों व स्थानों में एक साथ चलाई है। इस दौरान स्वायत्त सरकार ने पूरे क्षेत्र के 13 हज़ार न्यूनतम जीवन-निर्वाह सहायता प्राप्त करने वाले परिवारों, विकलांग एवं रूप से कमजोर परिवारों और पूर्व सैनिकों जैसे लाभार्थियों के लिए केबल टीवी से संबंधित सार्वजनिक उपकरण खरीदने के साथ उन्हें कम से कम 60 टीवी चैनल तथा 10 रेडियो चैनल मुफ्त में उपलब्ध कराने का निश्चय लिया है।