शीत्सांग के विदेशी व्यापार उन्नयन को बढ़ावा देता शिगात्से अंतर्राष्ट्रीय भूमि बंदरगाह
शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश के शिगात्से शहर के दक्षिण में स्थित, शिगात्से अंतर्राष्ट्रीय भूमि बंदरगाह, दक्षिण एशिया के लिए शीत्सांग के प्रमुख रसद केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो सीमा शुल्क घोषणा, निरीक्षण, परिवहन और भंडारण को एकीकृत करता है। छिंगहाई-शीत्सांग पठार पर स्थित यह अंतर्राष्ट्रीय रसद केंद्र "चीनी गति" से क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहा है।
शीत्सांग की राजधानी ल्हासा से प्रस्थान करके लगभग 300 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम की ओर चलने पर शिगात्से अंतर्राष्ट्रीय भूमि बंदरगाह पर पहुंचा जा सकता है। यह बंदरगाह शिगात्से शहरी क्षेत्र से केवल 5 किलोमीटर दूर है, और शिगात्से हवाई अड्डे तक पहुँचने में आधा घंटा लगता है। ल्हासा-शिगात्से रेलवे का यात्री स्टेशन और मालगाड़ी स्टेशन दोनों बंदरगाह क्षेत्र के भीतर हैं, और सड़क नेटवर्क सीधे चीलोंग, चांगमू और लिज़ी जैसे महत्वपूर्ण सीमावर्ती बंदरगाहों से जुड़ा है।
1 अगस्त, 2024 को शिगात्से अंतर्राष्ट्रीय भूमि बंदरगाह के निर्यात कार्गो निरीक्षण स्थल के उपयोग में आने के बाद से, कुल 6 शिगात्से-दक्षिण एशिया मालगाड़ियाँ आयोजित की गई हैं। निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में न केवल शीत्सांग की धूप, फुलु (पारंपरिक तिब्बती ऊनी कपड़ा) जैसे तिब्बती विशिष्ट उत्पाद शामिल हैं, बल्कि नव ऊर्जा वाहन भी शामिल हैं।
साल 2024 में, शीत्सांग के चीलोंग और चांगमू सीमावर्ती बंदरगाहों के माध्यम से 11,718 नए ऊर्जा वाहनों का निर्यात किया गया। साल 2025 की पहली तिमाही में, शिगात्से अंतर्राष्ट्रीय भूमि बंदरगाह के माध्यम से नए ऊर्जा वाहनों का निर्यात 2,842 तक पहुँच गया। वर्तमान में, शीत्सांग चीन के लिए नेपाल को नए ऊर्जा वाहनों के निर्यात का मुख्य माध्यम बन गया है।
शिगात्से सीमा शुल्क के अधिकारी के अनुसार, चीन-भारत व्यापार मुख्यतः तटीय नौवहन पर निर्भर करता है, जिसमें 45 दिन लगते हैं। हालाँकि, स्थलीय परिवहन, जिसमें स्थलीय बंदरगाह पर घोषणा और बंदरगाह से सीधी डिलीवरी शामिल है, केवल 15 दिन लगते हैं, जिससे परिवहन लागत बहुत कम हो जाती है।
भविष्य में शिनच्यांग-शीत्सांग रेलवे के निर्माण के साथ, शिगात्से अंतर्राष्ट्रीय भूमि बंदरगाह बुनियादी ढांचे के अंतर्संबंध, सीमा शुल्क निकासी नीति समन्वय और औद्योगिक रसद एकीकरण के माध्यम से शीत्सांग के "बेल्ट एंड रोड" दक्षिणी चैनल की मुख्य प्रतिस्पर्धात्मकता का निर्माण करेगा।