वांग यी ने दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री से फ़ोन पर बात की
28 जुलाई को, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दक्षिण कोरिया के नए विदेश मंत्री चो ह्युन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।
वांग यी ने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया महत्वपूर्ण पड़ोसी और सहयोगी साझेदार हैं, और अच्छे पड़ोसी और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना दोनों देशों की जनता के साझा हितों में है। नई दक्षिण कोरियाई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद, दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने फ़ोन पर बातचीत की, जो चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों की एक अच्छी शुरुआत थी और हमारे अगले कार्य की दिशा भी दर्शायी।
वांग यी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और दक्षिण कोरिया को सच्चे रणनीतिक साझेदार बनना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तर तक ले जाना चाहिए। पहला, हमें नीतिगत स्थिरता बनाए रखनी होगी। चीन चीन-दक्षिण कोरिया सहयोग के विकास को महत्व देता है और दक्षिण कोरिया के प्रति निरंतर और स्थिर नीति बनाए रखता है और उम्मीद है कि चीन के प्रति दक्षिण कोरिया की नीति भी स्थिर, टिकाऊ और पूर्वानुमानित होगी।
दूसरा, हमें स्वतंत्रता और स्वायत्तता का पालन करना चाहिए। चीन-दक्षिण कोरिया संबंध दोनों पक्षों के साझा हितों पर आधारित हैं और दोनों देशों की जनता के हितों में हैं। ये संबंध किसी तीसरे पक्ष के विरुद्ध नहीं हैं और न ही किसी तीसरे पक्ष के अधीन होने चाहिए। तीसरा, हमें आपसी लाभ को बढ़ाने की जरूरत है और दोनों पक्षों को पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गहरा करने और आम विकास हासिल करने की जरूरत है।
उधर, फोन बातचीत में चो ह्युन ने कहा कि दक्षिण कोरिया, दक्षिण कोरिया-चीन संबंधों को बहुत महत्व देता है और दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को मजबूत करने और भविष्य में दक्षिण कोरिया-चीन रणनीतिक सहकारी साझेदारी के अधिक विकास को बढ़ावा देने की आशा करता है।
उन्होंने आगे बताया कि दक्षिण कोरिया और चीन के बीच घनिष्ठ आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं और एक अच्छा सहयोग मॉडल स्थापित किया गया। दक्षिण कोरिया दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार वार्ता को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना और आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को गहरा करना चाहता है, और चीन के साथ संचार और समन्वय को मजबूत करने, इतिहास का सामना करते हुए संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तत्पर हैं।
इसके अलावा, फोन बातचीत में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने बहुपक्षीय क्षेत्रों में समन्वय और सहयोग पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।