चीनी प्रतिनिधि ने यूएन सुरक्षा परिषद में शिनच्यांग पर अमेरिकी आरोपों का खंडन किया

(CRI)15:16:28 2025-07-25

संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फ़ू थ्सोंग ने 24 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक सहयोग संगठन के बीच सहयोग पर सुरक्षा परिषद की खुली बैठक में शिनच्यांग के बारे में अमेरिकी प्रतिनिधि द्वारा लगाए गए आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया।

फ़ू थ्सोंग ने कहा कि चीन शिनच्यांग से जुड़े मुद्दों पर अमेरिकी प्रतिनिधि के निराधार आरोपों का कड़ा विरोध करता है और उन्हें पूरी तरह से ख़ारिज करता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शिनच्यांग इस समय अपने इतिहास के सबसे अच्छे विकास काल से गुज़र रहा है, जहाँ सामाजिक स्थिरता, आर्थिक समृद्धि और विकास देखा जा रहा है, और लोग शांति तथा संतोष के साथ रह रहे हैं और काम कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका जानबूझकर शिनच्यांग से जुड़े मुद्दों को तूल देकर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और चीन के विकास को रोकने की कोशिश कर रहा है, जिससे उसकी आधिपत्यवादी प्रकृति और "दोहरे मापदंड" का चेहरा उजागर हो रहा है।

फ़ू थ्सोंग ने आगे कहा कि पिछले छह वर्षों में, अधिकांश इस्लामी देशों सहित सैकड़ों देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में चीन के न्यायसंगत रुख के लिए विभिन्न तरीकों से अपना समर्थन व्यक्त किया है। इन देशों ने मानवाधिकार मुद्दों के राजनीतिकरण और मानवाधिकारों के बहाने अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का स्पष्ट विरोध किया है।

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से दर्शाता है कि अमेरिका की "चीन को नियंत्रित करने के लिए शिनच्यांग का उपयोग करने" की साज़िश बहुत पहले ही विफल हो चुकी है, और चीन विरोधी तत्वों का उपयोग करके तथा चीन को नियंत्रित करके शिविर टकराव भड़काने की उसकी भयावह मंशा भी पूरी तरह विफल हो चुकी है।

फ़ू थ्सोंग ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर अमेरिका सचमुच मुसलमानों के मानवाधिकारों की परवाह करता है, तो वह ग़ाज़ा में धरती पर हो रहे नर्क की ओर से आँखें क्यों मूँद लेता है? वह फ़िलिस्तीनी लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय की ओर से आँखें क्यों मूँद लेता है?

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अपने ही देश में बंदूक़ हिंसा और नस्लीय भेदभाव जैसी पुरानी बीमारियों की ओर से आँखें मूँद लेता है, और अपने नागरिकों के मानवाधिकारों और सम्मान के हनन को नज़रअंदाज़ कर देता है, जबकि मानवाधिकारों की आड़ में वह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में बेतहाशा दख़लंदाज़ी करता है और विकासशील देशों में बड़ी संख्या में लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।

चीनी प्रतिनिधि ने संयुक्त राज्य अमेरिका को आत्मचिंतन करने, अपने तौर-तरीके बदलने और अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए और अधिक अच्छे कार्य करने की सलाह दी।