60 वर्षों की शौर्यगाथा, मोहक नवीन शीत्सांग | हिमालयी सिंह नृत्य

60 वर्षों की शौर्यगाथा, मोहक नवीन शीत्सांग | हिमालयी सिंह नृत्य

शीत्सांग के छांगदू शहर का लुओलोंग ज़िला कभी चाय-घोड़ा प्राचीन मार्ग का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था और लोगों के संपर्क का एक अहम मार्ग भी बना रहा है। लुओलोंग ज़िले के शुओदू कस्बे में, स्थानीय लोगों ने घुंघरू ढोल नृत्य व शीत्सांग चक्र नृत्य जैसे पारंपरिक लोकनृत्यों की खूबियों को उस शेर नृत्य में मिलाया हैं, जो हान और शीत्सांग जाति की विशेषताओं के मिश्रण से निर्मित शुओदू शेर नृत्य की एक अनूठी शैली प्रस्तुति है। 2024 में, शुओदू शेर नृत्य को शीत्सांग स्वायत्त क्षेत्र की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल किया गया।

हाल के वर्षों में, शुओदू शेर नृत्य अपनी परंपरा और उत्तराधिकार प्रणाली को धीरे-धीरे सुदृढ़ करते हुए निरंतर नयी अवतारण लाई है। शेर नृत्य पर आधारित प्रस्तुतियाँ को शीत्सांग टीवी ने शीत्सांग नव वर्ष के भव्य नृत्य-गान समारोह में प्रसारित कर इतनी धूमधाम मचायी कि उससे अधिकाधिक लोग इस अनोखे नृत्य से वाकिफ होने लगे।