चीनी वैज्ञानिकों ने पहली बार किया चंद्रमा के पृष्ठ भाग विकास इतिहास का खुलासा
चित्र VCG से है
9 जुलाई को चीनी विज्ञान अकादमी ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर चांग ई-6 चंद्रमा मिशन से प्राप्त नमूनों पर आधारित श्रृंखलाबद्ध अनुसंधान उपलब्धियां जारी की। इनमें से चार प्रमुख शोध उपलब्धियाँ नेचर पत्रिका में कवर आर्टिकल के रूप में प्रकाशित हुईं। वे हैं चंद्रमा के पृष्ठ भाग की मैग्मा गतिविधि, चंद्रमा का प्राचीन चुम्बकत्व, चंद्र मैटल में जल की मात्रा और चंद्र मैटल के विकास की विशेषताएं, जिसे पहली बार चंद्रमा के पृष्ठ भाग विकास इतिहास के रूप में खुलासा किया गया है।
संवाददाता सम्मेलन में चीनी विज्ञान अकादमी के अकादमिक सदस्य और चीनी विज्ञान अकादमी के भूविज्ञान व भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ता वू फुयुआन ने कहा कि इन श्रृंखला के अनुसंधान उपलब्धियों को नेचर पत्रिका द्वारा कवर स्टोरी के रूप में प्रकाशित किया गया है, जो न केवल यह दर्शाता है कि इन अध्ययनों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के विकास के इतिहास का खुलासा किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि चांग ई-6 मिशन द्वारा लाए गए नमूनों और उनके अनुसंधान ने चंद्रमा अन्वेषण के क्षेत्र में एक नया ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित किया है।
चांग ई-5 मिशन के नमूनों ने चीन द्वारा पहली बार अंतरिक्ष पिंड से नमूना वापसी में उपलब्धि हासिल की, जबकि चांग ई-6 मिशन के नमूनों ने मानव इतिहास में पहली बार चंद्रमा के पृष्ठ भाग से नमूना संग्रह प्राप्ति की उपलब्धि प्राप्त की है—दोनों ही विश्व स्तर पर अत्यधिक प्रशंसित उपलब्धियां हैं। चांग ई-5 का लैंडिंग स्थल चंद्रमा के निकट पक्ष के एक युवा ज्वालामुखीय क्षेत्र में स्थित था, जिससे चंद्रमा के बाद के विकास के अध्ययन में मौजूद रिक्तता स्थान की पूर्ति की गयी है।
अतीत में, अपोलो मिशन केवल 3 अरब वर्ष से अधिक पुराने चंद्रमा नमूने ही ला पाया था, इसपर भी पिछले 3 अरब वर्षों के चंद्रमा विकास का इतिहास अस्पष्ट रहा है। चांग ई-5 के नमूनों में लगभग 2 अरब वर्ष पूर्व के ज्वालामुखीय गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं, जिससे चंद्रमा की ज्वालामुखीय गतिविधियों के इतिहास को 1 अरब वर्ष तक आगे बढ़ा दिया गया है।
“इसलिए, इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से देखा जाए तो हमारे देश ने पहली बार चंद्रमा के पृष्ठ भाग से नमूने लाकर एक नया इतिहास रचा है। जबकि अनुसंधान के दृष्टिकोण से देखा जाए तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर हमारे अध्ययन ने तो बहुमत ‘अभूतपूर्व’ निर्णायक प्रगति हासिल की है।” वू फुयुआन ने कहा।