चीन ने अमेरिका से शीत्सांग से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप बंद करने का आग्रह किया
8 जुलाई को, चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, प्रवक्ता माओ निंग ने शीत्सांग पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को एंटोनियो रुबियो की टिप्पणी का खंडन किया, और अमेरिका से शीत्सांग से संबंधित मुद्दों के महत्व और संवेदनशीलता को पूरी तरह से पहचानने, दलाई लामा समूह की चीन विरोधी और अलगाववादी प्रकृति को पहचानने, शीत्सांग से संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने, शीत्सांग से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप बंद करने और किसी भी तरह से "शीत्सांग स्वतंत्रता" बलों को गलत संकेत भेजना बंद करने का आग्रह किया।
माओ निंग ने कहा कि शीत्सांग के मामले पूरी तरह से चीन के आंतरिक मामले हैं और किसी भी बाहरी ताकत को इसमें हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। जैसा कि सभी जानते हैं, 14वें दलाई लामा कोई साधारण धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति हैं जो धर्म की आड़ में चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। उन्हें और तथाकथित "निर्वासित शीत्सांग सरकार" को शीत्सांग लोगों का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है, और न ही शीत्सांग का भविष्य और नियति तय करने का कोई अधिकार।
चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि नए युग में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शीत्सांग शासन रणनीति के मार्गदर्शन में, शीत्सांग की अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है, समाज सामंजस्यपूर्ण और स्थिर है, सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा और संवर्धन हो रहा है, और विभिन्न जातियों के लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं, जिसमें धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता, अपनी जातीय भाषाओं और लिपियों का उपयोग करने और विकसित करने की स्वतंत्रता शामिल है, की पूरी तरह से गारंटी है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इसे देखा है, और संयुक्त राज्य अमेरिका को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।