मनमोहक ऋतु: शिआओशू - छोटी गर्मी
नमस्ते दोस्तों! मैं हूँ आपकी यात्रा प्रेमी Sisi! चीनी ल्यूनर कलैंडर के अनुसार आज छोटी गर्मी शिआओशू ऋतु का दिन है, यानी गर्मियों का पाँचवाँ पारंपरिक ऋतु। आज मैं आपको अपने साथ ले चलती हूँ छिएन-तुंगनान मियाओ और तुंग स्वायत्त प्रांत की हरी-भरी मनोरम प्राकृतिक सुंदरता की गोद में, जहाँ पहाड़ हरे, जल निर्मल है — वहाँ मिलेगी आपको गर्मी से राहत पाने की ठंडक व मन को लुभाने वाला आनंदमय !
हमारे बुजुर्ग मानते आए हैं कि "शिआओशू" ऋतु छोटी गर्मी की शुरूआत है, लेकिन वह अभी अपनी गर्मी की चरम सीमा पर नहीं पहुंची है , इसलिए इसे " शिआओशू " कहा जाता है,जिस का मतलब है "छोटी गर्मी" । इस ऋतु में धूप तीव्र होती है, वर्षा की मात्रा बढ़ जाती है, तालाबों में कमल महकते हैं, फलों की खुशबू हवाओं में बिखरती है, और सारा जीव-जगत तेजी से बढ़ने और फलने-फूलने की ऋतु में प्रवेश हो जाता है।
लोक परंपरा में "शिआओशू" ऋतु को "नवअन्न भोज" का महत्व दिया जाता है। "नवअन्न भोज" का अर्थ है नए चावल का सेवन करना। लोग इस अवधि में कटे हुए ताजे धान को पीसकर नया चावल बनाते हैं, और उस नए चावल को खाकर फसल की प्राप्ति का जशन मनाते हैं। साथ ही वे अगले वर्ष के लिए अनुकूल मौसम, अच्छी वर्षा और भरपूर फसल की प्रार्थना करते हैं।
“शिआओशू ऋतु के आने से हम औपचारिक रूप से “गर्मियों की अवधि” में प्रवेश करते हैं। हमारे देश के प्राचीन पंचांग में “चरम ग्रीष्म के तीन काल ” की गणना आज भी जारी है। ग्रीष्म काल के तीसरे “ विशेष पर्व” के बाद “पहली गर्मी” होती है, जो शिआओशू के नाम से जाना जाता है, तब से हम “ग्रीष्म काल में प्रवेश” कर लेते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पश्चिम में लोगों ने देखा कि हर साल सबसे अधिक गर्मी के समय में आकाश का सबसे चमकीला तारा — सिरीयस (Sirius) सूरज के साथ भोर में उगता है। उन्हें लगता है कि इससे दुगनी गर्मी उत्पन्न होती है, सो वह इस अवधि को “कुत्ता दिन” के नाम से पुकारते हैं । चाहे चीन के “भीषण गर्मी के तीन काल ” हो या पश्चिम के “कुत्ता दिन”, अलग-अलग संस्कृतियों में भीषण गर्मी की यह साझा स्मृति हमारे मन में हमेशा मौजूद रही है।
“धीमी धीमी निर्मल हवा के झोके में धरती हौले हौले ले आती है शिआओशु का मौसम ।” इस शिआओशु ऋतु में, धधकती धूप में लहलहाती हरियाली के मौसम में हालांकि तेज गर्मी अपने चरम सीमा पर जा पहुंचती है, तो भी हमारी कामना है कि आप भी ग्रीष्मकालीन की चमकती धूप की तरह उज्ज्वल और चमकदार रहें और हर एक सुंदर पल का जी भरकर आनंद उठाएं।