देशों के बीच सम्बंधों के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते फिल्म समारोह: किरन राव
शांगहाई इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का 27वां संस्करण 13 जून से 22 जून 2025 के बीच चीन के शांगहाई शहर में आयोजित किया जा रहा है। यह फेस्टिवल वैश्विक सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ-साथ उत्कृष्ट सिनेमा को पहचान और प्रोत्साहन मिलता है।
गुजरे हुए वर्षों से जून के मध्य में आयोजित, शांगहाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल एशिया का सबसे बड़ा FIAPE (International festival of public actors and entrepreneurs) मान्यता प्राप्त महोत्सव है। यह महोत्सव केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि सिनेमा बाजार, उद्योग-प्रबंधन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सृजनात्मक विचार-विमर्श के लिए भी एक मंच प्रदान करता है।
शांगहाई इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के विविधता से भरे जूरी पैनल में भारत की प्रतिद्ध फिल्ममेकर किरन राव मौजूद हैं। CGTN HINDI के साथ विशेष बातचीत में किरन राव ने शांगहाई फिल्म फेस्टिवल से जुड़े अपने अनुभव साझा किये। किरन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा और कहानी कहने की विविधता को बढ़ावा देने वाले इस प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात है।
किरन राव एक ऐसी फिल्म निर्माता हैं जिन्होंने अपनी अनोखी दृष्टि और सशक्त कहानी कहने की क्षमता से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। चीनी सिनेमा के विषयों, कहानी कहने और फिल्म निर्माण शैलियों के भारतीय सिनेमा से भिन्नता के संदर्भ में किरन कहती हैं कि भारत और चीन के लोगों की संवेदनाएं लगभग एक जैसी ही हैं, इसीलिए चीन के लोग भारतीय फ़िल्मों से जुड़ाव महसूस करते हैं।
किरन का मानना है की फिल्म समारोह सिनेमा को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और फिल्मों को प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करते हैं साथ ही उन्हें नए दर्शकों तक पहुंचाने में मदद करते हैं। फिल्म निर्माताओं के लिए भी फिल्म समारोह अपनी फिल्मों को प्रदर्शित करने और उन्हें उद्योग के पेशेवरों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं।
भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की भूमिका पर बात करते हुए किरन कहती हैं कि : फिल्म महोत्सव फिल्म निर्माताओं के बीच सहयोग और नेटवर्किंग को बढ़ावा देता है, जिससे विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा मिलता है, साथ ही विभिन्न संस्कृतियों के बीच समझ और आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, जिससे विभिन्न देशों के बीच संबंधों में सुधार होता है।
शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन चीनी दर्शकों को भारतीय संस्कृति और सिनेमा के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। इसी तरह, भारत में चीनी फिल्मों का प्रदर्शन भारतीय दर्शकों को चीनी संस्कृति और सिनेमा के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है।
उभरते फिल्म निर्माताओं को, जो फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, सलाह देते हुए किरन कहती हैं कि यदि आपको अपनी कहानी दुनिया को सुनानी है तो आपको हिम्मत रखनी होगी और एक दिन ज़रूर ही कोई आपकी कहानी सुनना चाहेगा।
किरण राव की जूरी पैनल में उपस्थिति से पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में भारत की आवाज़ गूँज रही है। बता दें कि इस पैनल की अध्यक्षता इतालवी निर्देशक ग्यूसेप्पे टॉर्नाटोरे कर रहे हैं, जिन्हें उनकी ऑस्कर-विजेता फिल्म Cinema Paradiso के लिए जाना जाता है। अन्य सदस्यों में अर्जेंटीना के इवान फंड, चीन के हुआंग बो, ग्रीस के थानासिस कराथानोस, चीनी डॉक्यूमेंट्री निर्देशक यांग लीना और अभिनेत्री योंग मेई शामिल हैं।