कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सृजनात्मक संस्कृति नवाचार


चित्र VCG से है

21वें चीन (शेनचन) अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक उद्योग मेले में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) पर आधारित कई रोबोटों की अनोखी अदाओं ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया। जिससे दर्शक आपसी बातचीत संपर्क के जरिए संस्कृति और प्रौद्योगिकी के गहरे मेल की सुंदरता को करीब से देखतें है और सांस्कृतिक नवाचार की धड़कन को नजदीकी से महसूस करते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जो आज की दुनिया में सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला प्रौद्योगिकी क्षेत्र है, संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाल रहा है और सांस्कृतिक नवाचार को सशक्त बनाने वाला एक प्रमुख साधन बनता जा रहा है।

संस्कृति रचना की सृजनशैली में परिवर्तन ला रहा है। संगीत, चित्रकला, लेखन और फिल्म-टीवी जैसे क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बड़े पैमाने पर उपयोग शुरू हो चुका है। पहले जो संस्कृति रचनात्मक कार्य केवल विशेषज्ञों के लिए आरक्षित माने जाते थे, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से उन ऊँचे मानदंडों को तोड़ा और कम किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अब आम लोग भी संस्कृति रचनात्मकता में भाग ले सकते हैं। एक नया जन-सांस्कृतिक युग तेजी से उभर रहा है।

संस्कृति के उपयोग की परिदृश्य विस्तृत हो रही हैं। जब आप वीआर (वर्चुअल रिएलिटी) हेडसेट पहनते हैं, तो तुअंगहुआंग मोकाओ गुफाओं की बारीकियाँ आपको छूने जितनी नज़दीक महसूस होती हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ड्रोन और एक्सआर (एक्सटेंडेड रिएलिटी) तकनीक के ज़रिए, अब हर कोई “माइक्रो-लघु-नाटकों” के नायक बनने और शूटिंग का आनंद लेने में सक्षम हो गया है।

संस्कृति प्रसार-प्रचार की बाधाओं को पार किया जा रहा है। भाषा लंबे समय तक चीन की संस्कृति के बड़े पैमाने पर वैश्विक प्रसार में एक बड़ी बाधा बनी रही है। लेकिन जैसे-जैसे स्मार्ट अनुवाद, वॉयस रिकग्निशन जैसी तकनीकों का विकास हुआ है, “बेबिल टॉवर” जैसी बाधाओं को पार किया जा रहा है। वेब साहित्य, ऑनलाइन गेम और वेब सीरियल अब “चीनी संस्कृति को विदेश में पहुंचाने के ” नई तीन नमूने बनते जा रहे हैं, और इनके पीछे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा रचना और अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

लगभग हर चीज़ में अपना करिश्मा दिखाने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को देखकर कई लोग यह सवाल उठाते हैं: "क्या भविष्य में कलाकारों और रचनाकारों को AI पूरी तरह से बदल देगा?" "क्या AI युग में हम केवल उसी की बनाई रचनाएँ देखेंगे?"

शेनचन संस्कृति मेले का दौरा करने के बाद, इन सवालों के जवाब धीरे-धीरे स्पष्ट होते जा रहे हैं।

सबसे पहले, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक शक्तिशाली सहायक उपकरण है, लेकिन वह इंसान की जगह नहीं ले सकता। रचनात्मक क्षेत्र में प्रमुख रूप से इंसान ही निर्णायक होता है। एक ही बड़ा मॉडल, जब पेशेवर और नौसिखिया शुरूआती के हाथों में होता है, तो उनका प्रदर्शन पूरी तरह अलग होता है।

दूसरे में , जीवन सभी सांस्कृतिक और कलात्मक सृजनशीलता का स्रोत है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए जीवन केवल डेटा के आधार पर की गई भविष्यवाणी है, यह जीवन की एक नकल है, या सबसे ज्यादा इसे हम 'सेकेंड हैंड जीवन' कह सकते हैं। जीवन इंसानों का है और केवल इंसानों का ही होगा।

तीसरे में , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गणना में बड़ी माहरिता दिखाते हैं और पूर्ण सिरे से दिमागी विशेषज्ञ भी होते है, लेकिन उन में मानवीय गर्माहट और भावुकता की कमी होती है। इसकी रचनाएँ भले ही समृद्ध क्यों न हो , लेकिन उनमें मानवीय भावना की गहराई नहीं होती, और वह मानव की जटिल और सूक्ष्म भावनाओं को व्यक्त करने में अक्सर असमर्थ सिद्ध होते है।

इसलिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रति हमारा दृष्टिकोण उसका सक्रियता से उपयोग करना है , न कि पूरी तरह उसपर निर्भरता रखना।

चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का तेज़ विकास निश्चित रूप से सांस्कृतिक उत्पादकता को तेजी से बढ़ाएगा, और एक अधिक समृद्ध और शानदार सौन्दर्य संस्कृति का उज्जवल भविष्य से सुसज्जित सपना फिलहाल हमारी मेहनत, हमारी सृजनशीलता के बेहतरीन अंजाम की प्रतीक्षा कर रहा है।