चीन-भारत संबंधों में सुधार पर जोर: चीनी उप विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में की उच्चस्तरीय वार्ता
चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेइतुंग ने 12 जून को भारत की राजधानी नई दिल्ली में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ एक नए दौर की वार्ता की और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी भेंट की।
सुन वेइतुंग ने इस अवसर पर कहा कि दोनों देशों के लगातार प्रयासों के कारण वर्तमान में चीन-भारत संबंधों में सुधार का रुझान बना हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को रणनीतिक और दूरगामी दृष्टिकोण से चीन-भारत संबंधों का प्रबंधन करना चाहिए। इसमें पारस्परिक राजनीतिक विश्वास को लगातार मजबूत करना, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना, मतभेदों का उचित निपटारा करना और चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ व स्थिर मार्ग पर आगे बढ़ाना शामिल है। उनका मानना है कि ऐसा करके दोनों देश मिलकर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता, विकास व समृद्धि के लिए रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेइतुंग और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अगले चरण में चीन-भारत सहयोग और आपसी चिंता के अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर ईमानदारी से विचारों का गहन आदान-प्रदान किया। भारतीय पक्ष ने चीन के एससीओ (शांगहाई सहयोग संगठन) के घूर्णन अध्यक्ष देश के रूप में उसके कार्यों के लिए अपने समर्थन को दोहराया। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि वे उचित समय पर चीन-भारत सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं वार्ता के लिए अच्छी तैयारी करेंगे। साथ ही, दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने में भी सक्रिय रूप से लगेंगे, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करना है।
बैठक में प्रत्यक्ष उड़ानों की यथाशीघ्र बहाली, संवाददाताओं को भेजने की सुविधा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सरल बनाने और द्विपक्षीय तंत्र के तहत वार्तालाप को स्थिरता से बहाल करने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने चीन के शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश में भारतीय लोगों की तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।