प्रगति की ओर बढ़ता चीन | "नन्हा ताओ" रोबोट चले स्कूल
हाल ही में, चियांगसू प्रांत की एक रोबोट कंपनी ने एक अपने स्वविकसित "नन्हा ताओ" नाम के रोबोट को हांगचओ में पढ़ने के लिए भेजने का निर्णय लिया। यह अनोखा स्कूल हांगचओ स्थित मेनिकोर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड का " मेनिकोर स्पेस इंटेलिजेंट प्लेटफॉर्म" है — यह खासतौर पर रोबोटों के लिए तैयार किया गया एक वर्चुअल स्कूल है।
यहां रोबोट के लिये सबसे महत्वपूर्ण विषय स्थानिक समझ और इंटरैक्शन की क्षमता बढ़ाना है। जैसे कि किसी अलमारी को कितनी ताकत से खोला जा सकता है? किस किनारे से खिलौने को टोकरी में डाला जाए?
"जो चीजें हमारे लिए आम लगती हैं, वे रोबोटों के लिए बेहद कठिन होती हैं, क्योंकि इन कामों के लिए जटिल स्थानिक महसूसता और सूक्ष्म गतियों पर नियंत्रण जरूरी होते हैं।” मेनिकोर टेक्नोलॉजी के प्रमुख वैज्ञानिक थांग रुई ने बताया।
“वर्चुअल प्रशिक्षण इन सब का बेहतर समाधान माध्यम है।” थांग रुई ने बताया कि मेनिकोर टेक्नोलॉजी दुनिया के सबसे बड़े स्पेस डिज़ाइन प्लेटफॉर्म्स में से एक होने के नाते , उसके पास 36 करोड़ 20 लाख से ज्यादा 3D मॉडल्स का संग्रह है — इतनी भरपूर डेटा से संपादित ‘पाठ्यपुस्तक’ रोबोटों के लिए निसंदेह एक उत्कृष्ट शिक्षण सामग्री है।
जब "नन्हा ताओ" नाम के रोबोट ने स्कूल में दाखिला लिया, तब वह काफी अनाड़ी था — यहां तक कि वह ज़मीन पर रखे कचरे के डिब्बे से टकराने से बच नहीं पाते थे। लेकिन व्यवस्थित प्रशिक्षण के बाद अब वह विभिन्न बाधाओं को सहजता से पार कर लेता है, और उसकी क्रियाओं की सटीकता 90% से भी अधिक रही है।
अब "नन्हा ताओ" अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका है और बाज़ार में उतर गया है। हवाई अड्डे पर वह यात्रियों द्वारा छोड़ी गई ट्रॉलियों को इकट्ठा करता है; बिना स्टाफ वाली दवाइयों की दुकानों में वह दवाओं की सही पहचान करके वितरण करता है; और स्मार्ट वेयरहाउस सेंटर में वह रैक के बीच फुर्ती से घूमते हुए माल छांटता है।
कंपनी के एक प्रमुख प्रभारी ने तारीफ करते हुए कहा, “इस वर्चुअल स्कूल ने रोबोट के अनुसंधान और उत्पादन की गति को बहुत तेज कर दिया है।”
तकनीक आगे बढ़ने के साथ इस रोबोट स्कूल के शिक्षण पाठ्यक्रम भी उन्नत हो रहे हैं।
थांग रुई ने बताया कि उनकी टीम अब और भी अधिक उन्नत "स्थानिक तर्क" प्रशिक्षण कोर्स का अनुसंधान और विकास कर रही है। “अगली कक्षा में हम रोबोट को ‘क्यों’ समझने की शिक्षा देना चाहते हैं — जैसे कि क्यों इस मोड़ में इसे पकड़ना कहीं ज्यादा उपयुक्त होता है? क्यों यहां पर बल का उपयोग कहीं ज्यादा सुरक्षित है? इससे रोबोटों को असली बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेने की क्षमता मिलेगी।”
योजना के अनुसार, 2027 तक चेजियांग के मानव रूपी रोबोट का उत्पादन आकार 20 अरब युआन (लगभग ₹23,000 करोड़) पार कर जाएगा। उस समय, "नन्हा ताओ" जैसे और भी कई "स्नातक छात्र" स्कूल से निकलकर दुनिया की विशाल भूमि में अपना करतब दिखाएंगे ।