बहती सरस सभ्यता— ईंगछुआन की समय कला का स्वाद

“विरान रेगिस्तान में उठता अकेला धुआँ , लम्बी नदी किनारे पर डूबता सूरज।” इन अल्फाजों से जाहिर होता है कि रेगिस्तान जीवन बिल्कुल एक निषिद्ध क्षेत्र है। लेकिन चीन के उत्तर-पश्चिम निंग्शिया हूई स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ईंगछुआन में, जिन्दगी आपकी कल्पना से बाहर निकलकर खिल उठती है।

अंगूर के गुच्छे में सिमटी हैं प्राचीनतम ज्ञान व आधुनिकतम सपनें , जहां जुबान से सुनाई देती है वीरतापूर्ण कहानियों की गुनगुनाहट , सच मानिए यहां पर तो मानव और प्रकृति दोनों साथ साथ जीने के राज से जुड़े हुए हैं।

आठ सौ साल पहले, पश्चिम शिया राजवंश के लोग शराब बनाने की कला में बहुत ही माहिर थे। ऐसी विरान जगह में भी दक्षिण क्षेत्र में पायी जाने वाले अंगूरों की बेल को पोषित करने वाली नमी इलाके और जल स्रोत उपल्ब्ध हैं, साथ ही धूप और उपजाऊ मिट्टी भी। “हेलान पर्वत के पूर्वी तल एक बहुत ही अद्भुत जगह है, उस समय हमने इस जगह पर ज्यादा उम्मीदें नहीं जतायी, तो भी इस जमीन ने हमें बेशुमार खुशियाँ दीं।” — चाइना वैदेशिक परिवहन की निंग्शिया लॉजिस्टिक्स डेवलपमेंट कंपनी के अंतरराष्ट्रीय परिवहन विभाग की प्रबंधक ली युए ने दिल पर हाथ थाम कर कहा।

ईंगछुआन युएहाई राष्ट्रीय आर्द्रभूमि पार्क प्रवासी पक्षियों के लिए आश्रय स्थल प्रदान करने की महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय भूमिका निभाती है।“नमी भूमि संरक्षण का काम कुछ चन्द दिनों में नहीं बन पाता है। हम इंसान जो कर सकते हैं, उसे हमें अपनी क्षमता के अनुसार इन प्राकृतिक जीवों को बेहतर आश्रय देने का पूरा प्रयास जारी रखना चाहिए।” — निंग्शिया युएहाई कंपनी की पारिस्थितिकी सुरक्षा एवं इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख चांग हाओतियन ने कहा।

ईंगछुआन की दूरी कल्पना सिर्फ अंगूर के बागों तक ही सीमित नहीं है। “बेल्ट एंड रोड” पहल के महत्वपूर्ण नोड शहर और चीन के पश्चिम की ओर खुलने वाली प्रमुख खिड़की के रूप में, यहाँ की बोतलबंद महकती मदिरा शहर के “सागर-रेल संयुक्त परिवहन” प्रणाली के तले दुनिया भर की मेज़ों तक पहुँच रही हैं।

ईंगछुआन रंगो रंगीन से भरी एक चमकदार जगह है — स्क्रीन पर चमकता नीला नीलम, फ़िल्मी स्टूडियों की शूटिंग के लिए निर्मित मिट्टी से बनी महान प्राचीन दीवारें, कैंची से काटी गयी पारंपरिक कला वाली लाल रंग की नाज़ुक कागज़ी कटिंग, और मछली-धान से भरपूर खुशहाली हरियाली जीवन का चित्र-पट। प्रयोगशालाओं की सूक्ष्मता यंत्रों से लेकर बंजर ज़मीन पर रचे गए सपनों की सुनहरी महफिल — ईंगछुआन की सृजनशीलता में कभी भी कोई सीमा नहीं है। कागज़ काटने की बारीक कला से लेकर सिनेमा शूटिंग की चमत्कार छाया तक, चीनी संस्कृति आज आत्मविश्वास और शांति के रूप में दुनिया भर में तारीफ के पुल बांध रही है।

जैसे ही रात की चादर उतरती है, ईंगछुआन की सड़को-गलियों में झटपट भर जाता है जवानी का हर्षोल्लास। जानी मानी प्राचीन औषधि गोजी बेरी वाली चाय आज के नवीन प्यालों में नए य़ुग की चमक बिखेर रही हैं। चीयर्स , ईंगछुआन ! बीते महकते दिनों को करें सलाम, आने वाले कल की किरणों को करें प्रणाम ।