संस्कृति की नई पहचान|अंतर-सांस्कृतिक प्रदर्शनियाँ इतनी आकर्षक क्यों होती हैं?

हाल के वर्षों में, चीन के संग्रहालयों ने अपनी विशेषताओं के आधार पर विदेशों से प्रदर्शनियों को आमंत्रित किया है, जिससे दर्शकों को विविध और समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, विदेशों में आयोजित चीनी प्रदर्शनियां भी विभिन्न देशों के संग्रहालयों में एक सौन्दर्य चमकता दृश्य बनकर उभरी हैं। चीन और विदेशी दर्शक, सांस्कृतिक धरोहरों के माध्यम से प्रदर्शनियों के सहारे , अतीत और वर्तमान, पर्वतों और महासागरों को पार करते हुए एक गहन सभ्यता संवाद की शुरुआत कर रहे हैं।

विदेशी सभ्यताओं के प्रति जिज्ञासा और खोज की इच्छा एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति है।


चित्र VCG से है

शांगहाई म्यूज़ियम द्वारा जुलाई में आयोजित प्रदर्शनी "पिरामिड्स की चोटी: प्राचीन मिस्र की सभ्यता" ने 13 महीने के असाधारण लम्बी समयावधि और 788 प्रदर्शन वस्तुओं की विशाल संख्या के साथ भव्य रूप में प्रस्तुत होकर दर्शकों को अपनी ओर खींचा है । यह एक अभूतपूर्व सांस्कृतिक आयोजन बन गया है: अब तक इस प्रदर्शनी से 58 करोड़ युआन (लगभग ₹670 करोड़) से अधिक की कुल आय हुई है, जबकि 20 लाख से अधिक दर्शक इसे देखने आ चुके हैं। इस प्रदर्शनी ने पूरे शहर के उपभोग में 10 अरब युआन (लगभग ₹11,500 करोड़) से कहीं अधिक रकम से बाजार को प्रोत्साहित किया है।

विदेशी दर्शकों के बीच चीनी सभ्यता की आकर्षण शक्ति को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। पिछले वर्ष नवंबर में फ्रांस के गिमे राष्ट्रीय एशियाई कला संग्रहालय में आयोजित प्रदर्शनी "चीन: थांग—एक बहुविध और उन्मुक्त राजवंश (7वीं से 10वीं सदी)" ने केवल तीन महीनों में 80,000 से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया। पहली बार चीन की सीमाओं से बाहर लाई गई दुर्लभ कलाकृतियाँ और समृद्ध, सहिष्णु थांग युग की अदभुत झलक ने स्थानीय लोगों को गहराई से प्रभावित किया।

सभ्यताओं के संवाद पर आधारित प्रदर्शनियां स्थानीय दर्शकों में अपनापन की भावना जगाती हैं और उन्हें अपनी ही सभ्यता को बेहतर समझने में मदद करती हैं।

वर्तमान में गुआंगशी चुआंग स्वायत्त क्षेत्र के संग्रहालय में आयोजित “पोम्पेई प्रदर्शनी” में, पोम्पेई पुरातात्विक स्थल से प्राप्त कांच के पात्र, स्वर्ण बर्तन और आभूषण जेवरात वस्तुओं को गुआंगशी क्षेत्र के हान राजवंशकालीन समाधियों में पायी गयी समान उक्त वस्तुओं को चित्र पट्ट और अन्य छवि प्लेट के माध्यमों से आमने सामने बराबरी करते हुए दर्शकों पर उसने गहरा प्रभाव छोड़ा है।

प्रदर्शनी की संयोजक वेई लिंग का कहना है कि हालाँकि चीन और पोम्पेई के बीच हज़ारों मील की दूरी है, फिर भी दोनों स्थानों की सांस्कृतिक धरोहरों में शिल्पकला, आकृति और रंगों जैसी विशेषताओं में जो आश्चर्यजनक समानता दिखाई देती है, वह न केवल प्राचीन समुद्री रेशम मार्ग की ऐतिहासिक समझ को गहराती है, बल्कि मानव जाति के साझा भविष्य की अवधारणा को भी नया दृष्टिकोण प्रदान करती है।

इस प्रकार, दिलों को जोड़ने वाले संवाद के पुल एक करके एक स्थापित हो रहे हैं:लोग प्रदर्शनी के माध्यम से एक-दूसरे की संस्कृति को गहराई से समझते हैं, आपसी सहमति को मजबूत करते हैं, समानता के आधार पर संवाद करते हैं, जिससे विश्वास बढ़ता है, संदेह दूर होता है और एक साथ एक सुंदर भविष्य तैयार होता है।

अप्रैल 2024 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को एशियन आर्ट म्यूज़ियम में आयोजित “फीनिक्स की प्राचीन भूमि: कांस्य युग की चंग और छू कला प्रदर्शनी”में, बड़ी संख्या में अमेरिकी छात्र विभिन्न प्रदर्शन कक्षों के सामने रुचि से नोट्स ले रहे थे और आपस में धीमे स्वर में बातचीत कर रहे थे। कुछ छात्रों ने कहा, “पुस्तकों में हम अधिकतर आधुनिक चीन के बारे में पढ़ते हैं, लेकिन यह प्रदर्शनी हमें मानों प्राचीन चीन में ले गई है।”

इस वर्ष की दूसरी छमाही में, चीन का राष्ट्रीय संग्रहालय रूस, सऊदी अरब और इटली जैसे देशों की सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ प्रदर्शनियों का आदान-प्रदान करेगा। विदेशी सभ्यताओं को "आमंत्रित किया जाएगा" और साथ ही चीनी सभ्यता को "विदेश में भेजा जाएगा"। इस द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों की जनता के बीच मित्रता और सांस्कृतिक विश्वास को मज़बूती मिलेगी। प्रदर्शनियां देखते हुए अधिक से अधिक दर्शकों ने अब यह समझना शुरू कर दिया है कि सभ्यताएं कभी किसी अकेले द्वीप में विकसित नहीं होतीं। वे संवाद में ही जीवित रहती हैं और फलती-फूलती हैं।