1 लाख खिलते गुलाब चमन ने तकला माकान रेगिस्तान "सीमाबंदी" भूमि को निखारा

2023 के नवंबर में, शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र के होतान क्षेत्र में तकला माकान रेगिस्तान के किनारे पर "सीमाबंदी" परियोजना के अंतर्गत रोपे गए 1 लाख गुलाब अब पूरी तरह से अपनी चमक दमक निखार रहे हैं।

तकला माकान रेगिस्तान को "मृत्यु का सागर" कहा जाता है। यह चीन का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चलायमान रेगिस्तान है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 3 लाख 37 हजार 6 सौ वर्ग किलोमीटर है, जो चीन के कुल रेगिस्तानी क्षेत्र का लगभग 49% हिस्सा है। यहाँ की जलवायु अत्यंत शुष्क है — वार्षिक वर्षा मात्र 10 से 80 मिलीमीटर के बीच होती है। रेगिस्तान की रेत अत्यंत महीन है, जिससे यहाँ धूल भरी आंधियाँ आसानी से उभर उठती हैं, इसलिए रेगिस्तान को नियंत्रित करना बेहद कठिन होता है। तकला माकान रेगिस्तान को "सीमाबंदी" कहने का दरअसल अर्थ है — इसके किनारे एक हरित पट्टी निर्मित करना , जो रेतेली हवा की कटाव को रोककर आसपास की हरित भूमि और नखलिस्थानों की सुरक्षा कर सके।

2012 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा के बाद से अब तक, देश की कुल 53% सुधार योग्य रेगिस्तानी भूमि पर प्रभावी नियंत्रण पाने में सफलता प्राप्त हुई है। मरुस्थलीकृत भूमि का क्षेत्रफल शुद्ध रूप से 6.5 करोड़ मू (लगभग 43.3 लाख हेक्टेयर) घटा है, जिससे “समग्र रूप से सुधार” और “तेजी से पुनर्वास” की सकारात्मक प्रवृत्ति सामने आई है।

शिनजियांग के कई क्षेत्रों में रेगिस्तान सुधार कार्य को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। वर्ष 2024 के अंत तक, पूरे स्वायत्त क्षेत्र में कुल 5.736 करोड़ मू (लगभग 38.2 लाख हेक्टेयर) रेगिस्तानी भूमि का उपचार किया गया है, जिसमें 5.052 लाख मू (लगभग 33.68 हजार हेक्टेयर) में घास की जालियाँ बिछाई गईं, 1.725 करोड़ मू (लगभग 11.5 लाख हेक्टेयर) में कृत्रिम वनरोपण किया गया, और अब तक कुल 2 अरब से अधिक पेड़-पौधे लगाए जा चुके हैं।

होथान क्षेत्र में, मिनफेंग काउंटी के 40 हज़ार से अधिक लोगों ने 56,000 मू (लगभग 3,733 हेक्टेयर) भूमि पर वृक्षारोपण में भाग लिया है। वहाँ 24,000 मू (लगभग 1,600 हेक्टेयर) कृषि रक्षा वन पट्टी का निर्माण किया गया है, और 1.065 करोड़ से अधिक रेत-नियंत्रण पौधे लगाए गए हैं। युतियान काउंटी में धूल-आंधी वाले दिनों की वार्षिक संख्या 2014 की तुलना उल्लेखनीय रूप से घट गई है।

घास पेड़-पौधे व फूलों की कतारों ने रेगिस्तान भूमि की सीमा बंद करने में न केवल रेत और हवा के प्रसार को प्रभावी रूप से रोक दिया है, बल्कि यह नखलिस्तान क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक अवरोधक मिसाल भी बन गया है। यह चीन की रेत नियंत्रण और मरुस्थलीकरण रोकथाम प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।