विश्व स्वास्थ्य सभा ने नौवें साल भी थाइवान के प्रस्ताव को किया खारिज, चीन ने कहा, 'एक-चीन' सिद्धांत अटल है
चित्र VCG से है
19 मई को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) द्वारा थाइवान से संबंधित प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इसी दिन, WHA की सामान्य समिति और पूर्णाधिवेशन ने कुछ देशों द्वारा पेश किए गए "थाइवान को पर्यवेक्षक के रूप में WHA में शामिल करने" के प्रस्ताव को एजेंडे में शामिल करने से स्पष्ट इनकार कर दिया। यह लगातार नौवां वर्ष है जब WHA ने थाइवान संबंधी इस प्रस्ताव को ठुकराया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में थाइवान की भागीदारी का मुद्दा एक-चीन सिद्धांत के तहत ही तय होता है, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 2758 और WHA के प्रस्ताव 25.1 में निर्धारित मूलभूत सिद्धांत है। चीनी केंद्र सरकार के बिना अनुमति के, थाइवान के पास WHA में भाग लेने का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन ने आरोप लगाया कि थाइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) "थाइवान स्वतंत्रता" के अलगाववादी एजेंडे पर अड़ी हुई है, जिसके कारण WHA में थाइवान की भागीदारी का कोई राजनीतिक आधार नहीं बचा है।
चीनी सरकार ने स्पष्ट किया कि वह थाइवान के निवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण को गंभीरता से लेती है। एक-चीन सिद्धांत के तहत, चीन ने वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में थाइवान की सीमित भागीदारी के लिए उचित व्यवस्था की है। थाइवान के स्वास्थ्य विशेषज्ञ WHO की तकनीकी बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं। पिछले साल, चीन के थाइवान क्षेत्र के 12 विशेषज्ञों ने WHO की तकनीकी गतिविधियों में भाग लेने के लिए आवेदन किया था, जिसे चीनी केंद्र सरकार ने मंजूरी दी। इससे साबित होता है कि चीन की केंद्र सरकार थाइवान के देशवासियों के स्वास्थ्य मुद्दों का समाधान करने में ईमानदार है, और थाइवान क्षेत्र के पास WHO के तकनीकी क्षेत्र में संचार और सहयोग में भाग लेने के लिए पर्याप्त और निर्बाध चैनल हैं, और थाइवान के लोगों के स्वास्थ्य अधिकारों की गारंटी है। तथाकथित "अंतर्राष्ट्रीय महामारी रोकथाम प्रणाली में अंतराल" का दावा महज एक राजनीतिक झूठ है।