चीन और रूस ने कई संयुक्त वक्तव्यों पर हस्ताक्षर किये
अंतर्राष्ट्रीय कानून के अधिकार को बनाए रखने और सहयोग को अधिक मजबूत करने के लिए चीन और रूस के बीच संयुक्त वक्तव्य पर 8 मई को मॉस्को में हस्ताक्षर किए गए।
इस वक्तव्य के अनुसार चीन और रूस नए युग में व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि करते हैं। दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र को केन्द्र में रखकर अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को दृढ़ता से कायम रखते हैं, अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को दृढ़ता से कायम रखते हैं, तथा अंतर्राष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र की केन्द्रीय भूमिका को दृढ़ता से कायम रखते हैं। दोनों पक्षों ने 2016 के "अंतर्राष्ट्रीय कानून के संवर्धन पर चीन और रूस के वक्तव्य" की पुनः पुष्टि की। दोनों पक्षों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के संहिताकरण और प्रगतिशील विकास में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में बहुध्रुवीय विश्व की वास्तविकता को ध्यान में रखना चाहिए। दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र संधियों में सभी देशों की व्यापकतम भागीदारी तथा उनकी एकसमान व्याख्या एवं अनुप्रयोग का समर्थन करते हैं।
साथ ही दोनों पक्षों ने 8 मई को मॉस्को में वैश्विक सामरिक स्थिरता पर एक संयुक्त वक्तव्य पर भी हस्ताक्षर किये हैं। द्वितीय विश्व युद्ध की विजय और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर, चीन और रूस वैश्विक रणनीतिक स्थिरता को बनाए रखने और मजबूत करने के अत्यधिक महत्व पर जोर देते हैं। दोनों पक्षों को पक्का विश्वास है कि सभी देशों के लोगों का भाग्य एक-दूसरे से जुड़ा है और कोई भी देश या संगठन अन्य देशों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता। दोनों पक्षों ने वैश्विक रणनीतिक मुद्दों के समाधान में प्रमुख शक्तियों के बीच रचनात्मक संबंध बनाए रखने के महत्व पर बल दिया।