त्रितारक नक्षत्र के सफल निर्माण से चीन ने पृथ्वी-चंद्रमा अंतरिक्ष अन्वेषण का नया युग खोला


चित्र VCG से है

15 अप्रैल को चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष की दूरस्थ प्रतिगामी कक्षा यानि DRO का अनुसंधान सम्मेलन में चीन ने DRO-आधारित सर्वप्रथम अंतरराष्ट्रीय चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष त्रितारक नक्षत्र का सफलतापूर्वक निर्माण करने की घोषणा की। चीन द्वारा तैनात और विकसित DRO-A/B उपग्रहों ने चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष के दूरस्थ प्रतिगामी कक्षा में पहुंचने और वहां रुकने से पहले ही प्रक्षेपित DRO-L नजदीकी कक्षा उपग्रह के साथ अंतर-उपग्रह माप संचार लिंक स्थापित कर लिया था। यह चीन द्वारा चंद्र- पृथ्वी अंतरिक्ष अन्वेषण के नव युग की आधिकारिक शुरुआत को चिह्नित करता है।

चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष वह नया क्षेत्र है जो पृथ्वी की निम्न कक्षा से लेकर चंद्रमा तक फैला हुआ है, जिसकी पृथ्वी से अधिकतम दूरी 20 लाख किलोमीटर तक जा सकती है। इसका त्रि-आयामी विस्तार निकट पृथ्वी कक्षा की तुलना में हजारों गुना अधिक है। DRO चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष में एक विशेष प्रकार की त्रिपिंड गतिकीय कक्षा है, जो पृथ्वी की दिशा में अग्रगामी तथा चंद्रमा की दिशा में प्रतिगामी रूप से घूमती है। इसकी विशिष्ट कक्षा पृथ्वी से लगभग 3.1 लाख से 4.5 लाख किलोमीटर तथा चंद्रमा से लगभग 70 हजार से 1 लाख किलोमीटर की दूरी पर होती है।

"पृथ्वी, चंद्रमा और गहरे अंतरिक्ष को जोड़ने वाले परिवहन केंद्र के रूप में, DRO चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष का एक प्राकृतिक सुरक्षित बंदरगाह है," श्री वांग वेनबिन ने कहा। "जिस प्रकार समुद्री यात्रा से नए महाद्वीपों की खोज करने , वायुगतिकी यानि एरोडायनामिक्स से महाद्वीपों के बीच उड़ान भरने तथा रॉकेट तकनीक से अंतरिक्ष में प्रवेश करने की तरह चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष में स्थित DRO भविष्य में अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण का नया क्षेत्र, अंतरिक्ष अनुप्रयोग अवसंरचना की तैनाती के लिए एक नया उच्च स्थल, अंतरिक्ष यान सेवा और समर्थन का नया आधार, और मानवयुक्त गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण का एक नया प्रारंभिक बिंदु बनने की संभावनाएं रखता है।

अन्वेषण की गति यहीं तक नहीं रुकी। चीनी विज्ञान अकादमी के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के उप निदेशक तथा चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष DRO की अनुसंधान परियोजना के उप कमांडर वांग क्यांग ने बताया कि तीन उपग्रहों के आपसी कनेक्शन और नेटवर्किंग की सफलता के बाद, अनुसंधान दल ने कई अग्रणी वैज्ञानिक प्रयोगों और नई तकनीकी परीक्षाओं को लगातार आगे बढ़ाया, जिससे चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष DRO अन्वेषण में कई ठोस प्रगति हुईं हैं : पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष यान का DRO में कम ऊर्जा वाली कक्षा में प्रवेश साकार हुआ ; पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाखों किलोमीटर की दूरी पर उपग्रह-से-उपग्रह और उपग्रह-से-पृथ्वी माइक्रोवेव लिंक स्थापित किए गए ; और पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चंद्र-पृथ्वी अंतरिक्ष में सैटेलाइट ट्रैकिंग और ऑर्बिटल नेविगेशन की नई गुणवत्ता की क्षमता को प्रमाणित किया गया।