शी चिनफिंग ने रूसी मीडिया में एक हस्ताक्षरित लेख प्रकाशित किया

(CRI)13:28:09 2025-05-08

7 मई को मास्को में रूस की राजकीय यात्रा के दौरान और सोवियत संघ के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेने के अवसर पर रूसी समाचार पत्र में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का "इतिहास से सीखें और साझा भविष्य बनाएं" शीर्षक एक हस्ताक्षरित लेख प्रकाशित हुआ।

लेख में कहा गया है कि इस वर्ष जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध, सोवियत संघ के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ भी है। 80 साल पहले, चीन और सोवियत संघ समेत दुनिया की न्यायपूर्ण ताकतों ने कंधे से कंधा मिलाकर बहादुरी से अहंकारी फासीवादी ताकतों को हराया। 80 साल बाद, आज एकतरफावाद, आधिपत्यवाद, धौंस-धमकी और अन्य कृत्य अत्यंत हानिकारक हैं। मानवता एक बार फिर एकता या विभाजन, संवाद या टकराव, जीत या शून्य के चौराहे पर है। हमें इतिहास से सीखना चाहिए, द्वितीय विश्व युद्ध के गहन सबक और फासीवाद-विरोधी युद्ध की महान जीत से ज्ञान और शक्ति प्राप्त करनी चाहिए, सभी प्रकार के आधिपत्य और सत्ता की राजनीति का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए, और एक साथ मानव जाति के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करना चाहिए।

हमें द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास के सही दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए। इतिहास हमें बताता है कि प्रकाश अंधकार को दूर करता है और न्याय अंततः बुराई को पराजित करता है। द्वितीय विश्व युद्ध की ऐतिहासिक सच्चाई को विकृत करने, द्वितीय विश्व युद्ध की जीत को नकारने तथा चीन और सोवियत संघ की ऐतिहासिक उपलब्धियों को धूमिल करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा।

हमें युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिए। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति से पहले और बाद में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा लिया गया सबसे महत्वपूर्ण निर्णय संयुक्त राष्ट्र की स्थापना था। अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति जितनी अधिक अशांत और जटिल होती जाती है, उतना ही अधिक हमें संयुक्त राष्ट्र के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए, संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली, अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदण्डों को दृढ़ता से कायम रखना चाहिए।

हमें अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिए। आज की दुनिया में शांति घाटा, विकास घाटा, सुरक्षा घाटा और शासन घाटा बढ़ रहा है। मैंने इन घाटों को पाटने के लिए मानव जाति के लिए साझे भाग्य वाले समुदाय के निर्माण, वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल का प्रस्ताव रखा, ताकि निष्पक्षता और न्याय की अवधारणा के आधार पर वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार का सक्रिय रूप से नेतृत्व किया जा सके।