वांग यी ने ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया
ब्राजील के स्थानीय समयानुसार 28 अप्रैल को, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक के पहले चरण में भाग लिया। ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा की अध्यक्षता में सभी पक्षों ने शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में ब्रिक्स देशों की भूमिका पर चर्चा की।
इस दौरान, वांग यी ने कहा कि इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना ने एक नया अध्याय शुरू किया है जिसमें विभिन्न देश शांति स्थापित करने और विकास के लिए मिलकर काम करते हैं, तथा मानव सभ्यता की दीर्घकालिक प्रगति को बढ़ावा दिया है। आज, 80 वर्षों के बाद, अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में गहन परिवर्तन हुए हैं, विश्व उथल-पुथल और परिवर्तन के दौर में प्रवेश कर चुका है, शांति और विकास के सामने नई और गंभीर चुनौतियां मौजूद हैं, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की बुनियादी अवधारणाएं नष्ट हो गई हैं, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विकास की नींव को लगातार चुनौती दी जा रही है, और शांतिपूर्ण विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय वातावरण को झटकों का सामना करना पड़ रहा है।
वांग यी ने आगे कहा कि इतिहास के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, क्या विभिन्न देश सही विकल्प चुन पाएंगे? यही मानव जाति का भविष्य निर्धारित करेगा। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अच्छाई के लिए एक सकारात्मक और रचनात्मक शक्ति के रूप में, ब्रिक्स देशों को शांति और विकास के मुख्य आधार बनने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
इसके बारे में वांग यी ने चार सूत्रीय सुझाव प्रकाश डाला। सर्वप्रथम, हमें सार्वभौमिक सुरक्षा को कायम रखना होगा। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सुरक्षा पहल को लागू करेंगे, हमें विश्व के देशों को आपसी सम्मान के आधार पर सुरक्षा प्रशासन पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, निष्पक्षता और न्याय के आधार पर स्थायी शांति का निर्माण करना चाहिए, टकराव के बजाय संवाद, गठबंधन के बजाय साझेदारी, और शून्य-जीत के बजाय उभय जीत पर आधारित एक नए सुरक्षा पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
दूसरा, हमें सक्रिय रूप से मध्यस्थता करनी चाहिए और वार्ता को बढ़ावा देना चाहिए। वस्तुनिष्ठ एवं निष्पक्ष रुख अपनाते हुए वार्ता और बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने पर जोर देना चाहिए, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन में सहयोग देना चाहिए, राजनीतिक समाधान के लिए परिस्थितियां निर्मित करना चाहिए। चीन यूक्रेन संकट को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है और मध्य पूर्व में दीर्घकालिक शांति व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अन्य ब्रिक्स सदस्यों के साथ काम करने को तैयार है।
तीसरा, हमें विकास के लिए एक ठोस आधारशिला रखनी होगी। खुलेपन और सहयोग करते हुए बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिए, सभी देशों के बीच आपसी लाभ वाले एकीकृत विकास को बढ़ावा देना चाहिए, सभी के लिए फायदेमंद और समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण का समर्थन करना चाहिए। चीन गरीबी उन्मूलन, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों के साथ व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करना चाहता है, और वैश्विक दक्षिण के लिए अधिक सार्वजनिक वस्तुएं प्रदान करने को तैयार है।
चौथा, हमें व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करना होगा। ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी कार्य समूह की भूमिका को पूर्ण रूप से निभाना चाहिए, सूचना साझाकरण और अनुभव के आदान-प्रदान को मजबूत करना चाहिए, और कानून प्रवर्तन सहयोग व क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए। हमें एक अच्छे ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान और विकास केंद्र का निर्माण करना चाहिए, "ब्रिक्स खाद्य सुरक्षा सहयोग रणनीति" को ईमानदारी से लागू करना चाहिए, गहरे समुद्र, ध्रुवीय क्षेत्रों और बाहरी अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करना चाहिए और हाथ मिलाकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
बैठक में सभी पक्षों ने औपचारिक सदस्य के रूप में इंडोनेशिया की ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में पहली बार उपस्थिति का स्वागत किया, चीन द्वारा प्रस्तावित वैश्विक पहलों की श्रृंखला का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि जटिल और विकसित भू-राजनीतिक स्थितियों के सामने, ब्रिक्स देशों को एकता और सहयोग को मजबूत करना चाहिए, शक्ति की राजनीति और दोहरे मानदंडों का विरोध करना चाहिए, बल प्रयोग के बजाय कूटनीति, टकराव के बजाय सहयोग, एकतरफावाद के बजाय बहुपक्षवाद की वकालत करना चाहिए, संकटों और संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान करना चाहिए, ब्रिक्स देशों के वैध अधिकारों और हितों तथा वैश्विक दक्षिण के साझा हितों की रक्षा करनी चाहिए, अधिक न्यायसंगत और उचित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए, और खुले, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना चाहिए।