भारतीय तीर्थयात्रियों की चीन के शीत्सांग(तिब्बत)पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा इस गर्मी में बहाल होगी: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ च्याखुअन ने 28 तारीख को नियमित संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चीन और भारत के बीच बनी सहमति के अनुसार भारतीय तीर्थयात्री चीन के शीत्सांग(तिब्बत) पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा इस साल की गर्मी में बहाल होगी, वर्तमान में दोनों पक्ष संबंधित तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं।

एक पत्रकार ने सवाल पूछा: भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की है कि भारत इस साल जून से अगस्त तक भारतीय तीर्थयात्रियों को चीन के शीत्सांग(तिब्बत) के पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा के लिए भेजेगा। क्या इसका मतलब है कि चीन भारतीय तीर्थयात्रियों को शीत्सांग(तिब्बत) के पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा की अनुमति देने पर सहमत है? इस पर प्रवक्ता की क्या टिप्पणी है?

“भारतीय तीर्थयात्री चीन के शीत्सांग(तिब्बत) पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।” प्रवक्ता गुओ च्याखुअन ने कहा कि चीन के शीत्सांग(तिब्बत) स्वायत्त प्रदेश में स्थित ओंगरिनपोछी पर्वत और मापांगयोंग त्सो झील, शीत्सांग बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म सहित कई धर्मों के अनुयायियों के “पवित्र पर्वत और झील” तीर्थ स्थल माने जाते हैं। चीन और भारत के बीच बनी सहमति के अनुसार, भारतीय तीर्थयात्रियों की चीन के शीत्सांग(तिब्बत) में पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा इस गर्मी में बहाल होगी, और वर्तमान में दोनों पक्ष संबंधित तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रवक्ता गुओ च्याखुअन ने आगे कहा " वर्ष 2025 चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। चीन भारत के साथ मिलकर दोनों देशों के नेताओं द्वारा हासिल की गई महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने और चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ और स्थिर दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।"