“जन केंद्रित निवेश” की विचारधारा से शिक्षा का नया अध्याय जुड़ेगा
चित्र VCG से है
हाल के वर्षों में “लोगों में निवेश करना” चीन की नीतिगत चर्चा में गर्म शब्द बन गया है। इस साल की सरकारी कार्य रिपोर्ट में इसपर बहुत ध्यान आकर्षित हुआ। “जन केंद्रित निवेश” का मतलब नागरिकों के विकास और काल्याण में वित्तीय संसाधन का निवेश करना है। विशेषकर शिक्षा, चिकित्सा और बुजुर्गों की देखभाल आदि नागरिक जीवन से जुड़े क्षेत्रों में “लोगों में निवेश” से सुधार और विकास की अधिक उपलब्धियां सीधे से लोगों तक पहुंच जाएगी।
इसमें शिक्षा को मुख्य क्षेत्रों में से एक माना जाता है, जो चीन के करोड़ों परिवारों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। चीन सरकार आशा करती है कि शिक्षा में निवेश बढ़ाने से अधिक उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभाओं को विकसित किया जाएगा, ताकि अर्थव्यवस्था और समाज के निरंतर विकास के लिए मजबूत आधार तैयार हो सके।
इसके लिए चीन ने इस साल जनवरी में वर्ष 2024 से 2035 तक शिक्षा के माध्यम से मजबूत देश बनाने की योजना की रूपरेखा जारी की। इस रूपरेखा ने एक धमाके की तरह शिक्षा जगत में हलचल मचा दी। एक मां होने के नाते मैं जरूर इसपर विशेष ध्यान देती हूं। आखिर, कौन अपने बच्चों की शिक्षा और भविष्य की परवाह नहीं करता?
रूपरेखा में जोर दिया गया है कि डिजिटलीकरण से शैक्षिक समानता बढ़ाई जाएगी, संसाधन की बाधा को तोड़ा जाएगा और छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार पढ़ाया जाएगा। इससे न सिर्फ शिक्षा के आधुनिकीकरण पर चीन का महत्व जाहिर हुआ, बल्कि “लोगों में निवेश” की विचारधारा भी प्रतिबिंबित हुई। एआई तकनीक के व्यापक प्रयोग के जरिए चीन और अधिक न्यायसंगत, कुशल और व्यक्तिगत शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर रहा है, ताकि आर्थिक और सामाजिक विकास में नई उम्मीद जग सके।
पहला, एआई तकनीक शैक्षिक समानता को बढ़ावा दे सकती है। एआई के जरिए शैक्षिक संसाधन भौगोलिक सीमा को तोड़कर दूरदराज क्षेत्रों और कमजोर समूहों तक पहुंच सकता है। चीन के युन्नान और क्वीचो आदि दूरदराज प्रांतों में शिक्षकों की कमी एक गंभीर समस्या रही है। एआई के जरिए छात्र उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और ट्यूशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ, एआई तकनीक होमवर्क को स्वचालित रूप से ठीक कर सकती है और बुद्धिमान एल्गोरिदम के माध्यम से छात्रों के सीखने के डेटा का विश्लेषण कर अध्यापकों को शिक्षण सुझाव दे सकती है। ऐसे में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अंतर कम किया जाएगा।
दूसरा, एआई तकनीक व्यक्तिगत शिक्षा को बढ़ावा दे सकती है। एआई के जरिए शिक्षा को प्रत्येक छात्र की आवश्यकता के अनुरूप बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए चीन में प्रमुख ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म एआई तकनीक के माध्यम से छात्रों के सीखने के व्यवहार और डेटा का वास्तविक समय में विश्लेषण करते हैं और सीखने में कमजोर विषय की सही पहचान करते हैं। फिर प्रत्येक छात्र के लिए व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाई जाएगी।
तीसरा, एआई तकनीक शिक्षकों के विकास में भी सहायता कर सकती है। एआई से अध्यापक ज्यादा कुशलता से पाठ की तैयारी कर सकते हैं और शिक्षा दे सकते हैं। उदाहरण के लिए पेइचिंग के कुछ स्कूलों में एआई पाठ तैयारी और मूल्यांकन व्यवस्था का प्रयोग करने लगा। इससे पाठ्यक्रम और छात्रों की सीखने की स्थिति के आधार पर स्वचालित रूप से शिक्षण योजना बनाई जा सकती है। ऐसे में अध्यापकों का बोझ काफी हद तक कम हुआ, ताकि वे छात्रों की व्यक्तिगत विकास पर अधिक ध्यान दे सके।
चीन में शिक्षा सुधार और विकास का वायु फलक होने के रूप में राजधानी पेइचिंग शहर ने 7 मार्च को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में एआई शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना जारी की। इसके अनुसार इस साल के शरद सेमेस्टर से पेइचिंग के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एआई सामान्य शिक्षा शुरू होगी। वहीं, शिक्षा मंत्री ह्वेई चिनफंग ने भी कहा कि इस साल चीन एआई शिक्षा श्वेत पत्र जारी करेगा। एआई और शिक्षा का मिश्रित विकास करने से छात्रों को डिजिटल और बुद्धिमान युग में बेहतर शिक्षा दी जाएगी।
वाकई, शिक्षा के क्षेत्र में एआई के व्यापक प्रयोग से "लोगों में निवेश" को नया अर्थ दिया गया। एआई तकनीक के विकास के चलते चीन में शैक्षिक आधुनिकीकरण एक नए स्तर पर पहुंचेगा और मजबूत शिक्षा देश बनाने के लिए मजबूत आधार तैयार होगा।